केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज कहा कि भारत लगातार कुशल और दक्ष बन रहा है। विश्व में सर्वाधिक कुशल युवा वर्कफोर्स भारत में है। लगभग 3.2 बिलियन भारतीय युवा विश्व के अलग-अलग देशों में कार्यरत हैं। 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के अंतिम दिवस के प्रथम प्लेनरी सेशन में केन्द्रीय मंत्री श्री प्रधान की अध्यक्षता में ‘रोल ऑफ इंडियन डायस्पोरा फॉर एनेबलिंग ग्लोबल मोबिलिटी ऑफ इंडियन वर्क फोर्स’ विषय पर विमर्श हुआ। श्री प्रधान ने कहा कि पूर्व में भारतीयों को विदेशों में कामगार के रूप में देखा जाता था, वर्तमान में वही समुदाय कुशल कार्यबल में परिवर्तित हो गया है। केन्द्रीय मंत्री श्री प्रधान ने कहा कि दुनिया देख रही है कि विश्व की सर्वोच्च आई टी कम्पनियों में उच्च पदों पर भारतीय कार्यरत हैं। अन्य देशों की तुलना में भारतीय उत्पाद बेहतर गुणवत्ता एवं सस्ते मूल्य के लिए जाने जाते हैं। वैश्विक मूल्य श्रृंखला के अनुरूप कार्य करने में भारतीय आगे हैं और पूरे विश्व में उपभोक्ता वस्तुओं के निर्माण में सबसे ज्यादा भारतीय जुड़े हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उनकी कार्य-कुशलता, ईमानदारी और कार्य के प्रति समर्पण है। उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। हमारे देश में लगभग 200 मिलियन छात्र शेाध-कार्य और स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। भारत लगातार कुशल बन रहा है, जो वसुधैव कुटुम्बकम के दर्शन पर पूरे विश्व के बेहतर कल के लिए कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई है। टेक्नोलॉजी के कारण आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक बदलाव हो रहा है। भारत का तेजी से विकास हो रहा है। श्री प्रधान ने कहा कि भारत में स्वदेशी 5जी की शुरूआत हो गई है। भारत पहले अमेरिका से निम्नतम गुणवत्ता के अनाज आयात करता था। आज 40 देशों को अनाज का निर्यात करता है साथ ही पूरे विश्व ने देखा और माना है कि वैश्विक महामारी के दौरान मानवता की रक्षा के लिए भारत ने कई देशों को दवाइयां एवं वैक्सीन मुहैया कराई।
उन्होंने कहा कि भारत अपनी क्षमता को बेहतर बना कर वैश्विक आवश्यकता के अनुसार कार्य करेगा। इसमें प्रवासी भारतीय अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रवासी भारतीयों पर गहरा विश्वास जताया है और प्रत्येक प्रवासी भारतीय को भारत का राष्ट्रदूत माना है। तीन दिवसीय पीबीडी सम्मेलन के अंतिम दिन के प्लेनरी सत्र में मॉरिशस की सोशल इंटीग्रेशन, सोशल सिक्योरिटी एवं नेशनल सॉलि मंत्री श्रीमती फजीला जीवा दोरियावू ने कहा कि मॉरिशस की अर्थ-व्यवस्था में भारतीय कार्यबल का महत्वपूर्ण योगदान है। मॉरिशस के 70 प्रतिशत नागरिकों की जड़ें भारत से जुड़ी हैं, भारत उनका दूसरा घर है। पीबीडी सम्मेलन में मॉरिशस का बहुत बड़ा प्रतिनिधि दल शामिल हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत जिस तरह से विकास कर रहा है, वह अदभुत है। प्रवासियों को कई समेकित उद्देश्यों को लेकर आगे बढ़ना होगा। यह सम्मेलन एक अच्छा अवसर है, जहाँ सारे प्रवासियों को मिलकर अपने सुझाव एवं विचार व्यक्त करने का मौका मिला। श्रीमती जीवा ने कहा कि कोविड-19 पेन्डेमिक के दौरान भारत से मिली वैक्सीन से मॉरिशस को बड़ी राहत मिली थी। लुलू ग्रुप के सीएमडी एम.ए. युसूफ अली ने कहा कि हमारा तन, मन और धन हिन्दुस्तान के लिए है।