न्योमा, लद्दाख: G20 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद, भारत ने चीन को एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। भारतीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 12 सितंबर को जम्मू के देवक ब्रिज से न्योमा में दुनिया का सबसे ऊंचा लड़ाकू हवाई क्षेत्र का निर्माण करने का शिलान्यास किया।
इस परियोजना का मूल्यांकन कुल 218 करोड़ रुपये है, और यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ तनाव को कड़ी टक्कर देने के लिए उठाया गया है।
रक्षा मंत्री ने इस प्रोजेक्ट के बारे में कहा, “यह हवाई क्षेत्र हमारी रक्षा क्षमता को मजबूती देगा और हमारे सीमा क्षेत्र में सुरक्षा को बढ़ावा देगा।”
न्योमा बेल्ट में नए एयरफील्ड के निर्माण का इस्तेमाल सीमा पर सामग्री और सैनिकों के परिवहन के लिए किया जा रहा है, और इससे भारत की सीमा सुरक्षा में मदद मिलेगी।
इस परियोजना के तहत, पूर्वी लद्दाख के न्योमा में एक विशेष एयरफील्ड बनाया जा रहा है, जो कि विश्व का सबसे ऊंचा हवाई क्षेत्र होगा। इसके माध्यम से, भारत अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूती से संरक्षित करेगा और चीन को सीमा पर कड़ी टक्कर देगा।
रक्षा मंत्री ने इस महत्वपूर्ण कदम को चीन के साथ चल रही तनावों के बीच एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता माना है, जोकि सीमा पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
रक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया पर इसके बारे में भी ट्वीट किया और कहा, “G20 शिखर सम्मेलन ने विश्व में भारत की अमिट छाप छोड़ी है, और प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत हमने वैश्विक विश्वास और आत्मविश्वास को पैदा किया है।”
उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विश्व गुरु’ और ‘विश्व बंधु’ के रूप में भारत की शक्ति का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है।
दोनों देशों के बीच तनाव जारी है, लेकिन इस नए हवाई क्षेत्र के निर्माण से सीमा पर भारत की सुरक्षा बढ़ जाएगी और सीमा पर स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
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