व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के प्रयास में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य विश्व नेताओं ने शनिवार को जी20 शिखर सम्मेलन (Delhi G20 Summit) में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर (India Middle East Europe Connectivity Corridor) का शुभारंभ किया। कॉरिडोर संभावित रूप से चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना का विकल्प हो सकता है, जिसने पाकिस्तान, केन्या, जाम्बिया, लाओस और मंगोलिया जैसे कई विकासशील देशों को भारी कर्ज में डाल दिया है।
कॉरिडोर का शुभारंभ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह कनेक्टिविटी और सतत विकास को नई दिशा देगा। उन्होंने कहा, “आने वाले समय में यह गलियारा भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के आर्थिक एकीकरण का एक प्रभावी माध्यम बनेगा।”
पीएम मोदी ने कॉरिडोर के शुभारंभ की सराहना की और कहा कि एक “ऐतिहासिक” समझौता संपन्न हुआ। “आने वाले समय में यह भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण का एक प्रभावी माध्यम होगा। यह दुनिया भर में कनेक्टिविटी और विकास के लिए एक स्थायी दिशा प्रदान करेगा।”
इस बात पर जोर देते हुए कि मजबूत कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा मानव सभ्यता के (Delhi G20 Summit) विकास का मूल आधार है, प्रधान मंत्री ने कहा, “भारत ने अपनी विकास यात्रा में कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।”