बता दें कि फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद के हथियारों के भूमिगत ठिकाने को इस्राइली सेना ने तबाह कर दिया है। गौरतलब है कि यह हथियार संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी से जुड़ी बोरियों में छिपाए गए थे। आईडीएफ ने मामले में जुड़े बयान में कहा कि बोरियों के अंदर रॉकेट, टैंकरोधी मिसाइलें, खदानें और विस्फोटक सामग्रियों को छिपाया गया था। जानकारी के अनुसार इस्राइली सेना ने द्वारा किया कि रॉक्टे निर्माण के लिए इस्तेमाल सामग्रियों को नष्ट कर दिया है। साथ ही इस्राइली सेना ने आरपीजी मिसाइलों के लिए डिजाइन किए हथियार, कारतूस, स्प्रे चार्ज, ग्रेनेड समेत कई विस्फोटक सामग्रियों को जब्त किया गया है।
इसके साथ ही UNRWA के कई कर्मचारी आतंकी गतिविधियों में शामिल इस्राइल ने कहा कि पिछले साल सात अक्तूबर को इस्राइल पर हुए हमले में यूएनआरडब्ल्यूए के कर्मचारी भी शामिल थे। इस खुलासे के बाद इस्राइल ने मांग की है कि यूएनआरडब्ल्यूए गाजा में उसके अधिकार से हटा दिया जाए। इसके बाद अमेरिका, यूरोपीय संघ और 16 अन्य देशों ने एजेंसी के लिए फंडिंग निलंबित कर दी है। इस्राइल ने 12 कर्मचारियों को उनकी भागीदारी के लिए दोषी ठहराते हुए खुफिया जानकारी दी है। जिसमें दावा किया गया है कि यूएनआरडब्ल्यूए के वाहनों और कई सामग्रियों का आंतकी गतिविधियों में इस्तेमाल किया गया है। एक मीडिया रिपोर्ट में भी दावा किया गया है कि यूएनआरडब्ल्यूए के 10 आतंकी फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद से संबंध रखते हैं।
यूएन वॉच और इम्पैक्ट-एसई द्वारा जारी रिपोर्ट में यूएनआरडब्ल्यूए कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया पर हमलों के लिए समर्थन व्यक्त करने का दस्तावेजीकरण किया गया है। गौरतलब है कि इस्राइली सैनिकों को यूएनआरडब्ल्यूए राहत आपूर्ति के बीच छिपी हुई मिसाइलें मिली थी, जबकि एजेंसी की बोरियों का इस्तेमाल विस्फोटक सामग्री के लिए किया जा रहा था।