Israel-Iran Tension: चेहरे पर वतन वापसी की खुशी…कोई अनंतनाग तो कोई हैदरपोरा उतरा; 90 कश्मीरी छात्र लौटे घर

Israel-Iran Tension: चेहरे पर वतन वापसी की खुशी...कोई अनंतनाग तो कोई हैदरपोरा उतरा; 90 कश्मीरी छात्र लौटे घर
Israel-Iran Tension: चेहरे पर वतन वापसी की खुशी...कोई अनंतनाग तो कोई हैदरपोरा उतरा; 90 कश्मीरी छात्र लौटे घर
ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से सुरक्षित निकाले गए 90 कश्मीरी विद्यार्थी दिल्ली से बस द्वारा श्रीनगर और आसपास के इलाकों में पहुंचे। छात्रों ने भयावह हालात साझा किए और सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया।

ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान के युद्धग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित निकाले गए कश्मीरी विद्यार्थियों का पहला जत्था शुक्रवार सुबह श्रीनगर पहुंचा। घर पहुंचते ही विद्यार्थियों ने राहत की सांस ली। हालांकि अनंतनाग के रहने वाले कुछ विद्यार्थी रास्ते में ही उतर गए। कई विद्यार्थी रास्ते में अपने घरों के पास उतरे। श्रीनगर तक खाली बस ही पहुंची। उन्होंने ईरान के भयावह हालात के बारे में भी बताया। सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया।

जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अनुसार, ईरान में करीब डेढ़ हजार कश्मीरी छात्र पढ़ते हैं। इनमें से एक हजार तेहरान में रहते हैं। 110 भारतीय विद्यार्थियों को वीरवार को दिल्ली लाया गया था। इनमें 90 कश्मीरी थे, जिन्हें बस से उनके घर पहुंचाया गया है। दिल्ली में जर्जर बसों को देख विद्यार्थियों ने रोष जताया था। तब तुरंत नई बसों का इंतजाम किया गया।

बहुत डर गए थे, तीन दिनबाद ईरान से निकाला
बहिश्ता इन्हीं में से एक बस शुक्रवार को सुबह आठ बजे श्रीनगर पहुंची। हैदरपोरा निवासी बहिश्ता ने बताया कि वह ईरान में उर्मिया यूनिवर्सिटी में मेडिकल की छात्रा हैं। वह अपने छात्रावास में थी, जब हमला हुआ। सभी छात्राएं काफी डरी हुईं थीं। तीन दिन बाद हमें वहां से निकाला गया। हम वीरवार को दिल्ली पहुंचे थे। वहां से श्रीनगर बस से आए।

लगातार हो रहे थे धमाके, बाहरनिकलने से मना किया था 
अनंतनाग के उमैर ने बताया कि वह तेहरान में मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। तेहरान में इस्राइल के हमले के दौरान वह अपने हॉस्टल में थे। लगातार धमाकों की आवाज आ रही थी। हमें बाहर निकलने के लिए मना कर दिया गया था। हम टेलीग्राम पर बनाए ग्रुप के जरिए लगातार भारतीय दूतावास के संपर्क में थे। वह भी वीरवार को पहले दल के साथ ही दिल्ली पहुंचे थे। यहां से बस से श्रीनगर के लिए निकले। रास्ते में अनंतनाग उतर गए। श्रीनगर जाने पर वापस लौटकर आना पड़ता।