इस्राइल के यरूशलम के बाहरी जंगली इलाकों में भीषण आग लगी है। आग इस कदर फैल गई है कि सरकार को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करना पड़ा है। आग के चलते यरूशलम के आसमान में धुएं का काला गुबार दिखाई दे रहा है। जंगलों की इस आग को इस्राइल के इतिहास की सबसे भीषण आग बताया जा रहा है। गर्म मौसम और तेज हवाओं के चलते यह आग भड़क गई है और तेजी से फैल रही है। इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी जारी की है कि आग तेजी से यरूशलम की तरफ बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अभी उनकी प्राथमिकता यरूशलम को बचाना है। मौके पर भारी संख्या में अग्निशमन दल के लोग मौजूद हैं और आग को काबू करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि तेज हवाओं के चलते कोशिश सफल नहीं हो पा रही है। आग को देखते हुए लोग सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं। अगर यह आग यरूशलम पहुंचती है तो इससे भयंकर नुकसान हो सकता है।
लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना को तैनात किया गया है। इस्राइल की आपातकालीन चिकित्सा सेवा के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक 23 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 13 लोग जलने और धुएं के कारण अस्पताल में भर्ती हुए। इस आग को इस्राइल के इतिहास की सबसे बड़ी जंगलों की आग माना जा रहा है। आग के चलते तेल अवीव और यरूशलम को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया है। कई लोग अपने घरों और वाहनों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर भाग गए हैं।
इस्राइल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इटमार बेन ग्वीर का कहना है कि आगजनी के चलते यह आग लगी हो सकती है। पुलिस ने पूर्वी यरूशलम में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया है। आरोप है कि इस व्यक्ति ने एक खेत में आग लगाने की कोशिश की थी। आग को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के राष्ट्रीय उद्यान और जंगलों तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया गया है। रेल मार्ग भी बंद कर दिए गए हैं। इस्राइल की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है, जिसके बाद इटली, क्रोएशिया और उत्तरी मैसेडोनिया से मदद आई है। इस्राइल में लगी इस आग की तुलना साल 2010 में माउंट कार्मेल में लगी विनाशकारी आग से की जा रही है। उस आग में 44 लोगों की जान चली गई थी और 12000 एकड़ से ज्यादा जमीन जलकर तबाह हो गई थी।