ISRO के प्रमुख एस सोमनाथ ने शनिवार को घोषणा की कि देश का पहला सौर मिशन, आदित्य-एल1 (Aditya-L1), तैयार है और इसे सितंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च किया जाएगा। ISRO के प्रमुख ने टिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि चंद्रयान-3 के अधिकांश वैज्ञानिक मिशन उद्देश्य अब पूरे होने जा रहे हैं और ISRO की टीम अगले 13-14 दिनों के लिए उत्साहित है।
इसरो प्रमुख ने बताया कि चंद्रयान-3 के वैज्ञानिक मिशन के अधिकांश उद्देश्य अब पूरे होने जा रहे हैं और लैंडर और रोवर सही तरीके से काम कर रहे हैं। वहीं, आगामी 13-14 दिनों में चंद्रमा से आने वाले डेटा का मापन जारी रखा जाएगा और उम्मीद है कि मिशन सफल होगा।
इसरो प्रमुख ने आदित्य-एल1 मिशन के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि यह पहला सौर मिशन होगा, जिसका लक्ष्य होगा सूर्य के करीब जाकर उसकी धारा और किरणों का अध्ययन करना।
क्या है आदित्य-एल1?
आदित्य-एल1 ISRO का एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन है जिसका उद्देश्य सूर्य के किरणों और उसकी ऊपरी धारा का अध्ययन करना है। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 के बाद भारत का दूसरा महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन है जो विशेष रूप से सूर्य के प्रति है।
आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य सूर्य की किरणों के मूल और उपस्थिति को समझने में मदद करना है, जिससे हम सूर्य की किरणों के विभिन्न पहलुओं को समझ सकें और इससे सौरमंडलीय वातावरण में होने वाले प्रभावों को भी आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकें।
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