बता दें कि इसरो ने नए साल पर नया इतिहास रच दिया है। आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने साल के अपने पहले अंतरिक्ष मिशन में एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) को लॉन्च कर दिया है।
अंतरिक्ष यान से सफलतापूर्वक अलग हुई एक्सपो सैटेलाइट।
चौथा चरण भी यान से अलग किया गया।
तीसरे चरण को भी यान से अलग कर दिया गया है।
दो पेलोड सही रूप से अलग हो गए हैं।
यान सही ढंग से काम कर रहा है।
यान 250 किमी की ऊंचाई पूरी कर चुका है।
जितेंद्र सिंह ने दी बधाई
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्वीट किया..
PSLV-C58 XPoSat मिशन का सफल प्रक्षेपण। ऐसे समय में अंतरिक्ष विभाग के साथ जुड़ने पर गर्व है, जब टीम इसरो पीएम मोदी के संरक्षण से एक के बाद एक सफलता हासिल कर रही है।
इसरो ने रचा इतिहास
इस मिशन के माध्यम से अमेरिका के बाद भारत ब्लैक होल (आकाशगंगा) और न्यूट्रॉन सितारों का अध्ययन करने के लिए एक विशेष सैटेलाइट भेजने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया। यह मिशन करीब पांच साल का होने वाला है।
सैटेलाइट का यह होगा काम
इसरो के चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 मिशन के बाद यह देश का अंतरिक्ष अन्वेषण की दिशा में एक नया ऐतिहासिक कदम होगा।
यहां देखें लाइव
इसरो के इस मिशन को उसकी आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया चैनल पर लाइव देखा जा सकेगा। XPoSat को PSLV-C58 अंतरिक्ष यान द्वारा ले जाने के लिए पूर्व की ओर कम झुकाव वाली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। पीएसएलवी-सी58 राकेट एक्सपोसेट के साथ 10 अन्य उपग्रहों ‘PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल’ को भी अंतरिक्ष में ले जाएगा।