डोडा जिले के तत्कालीन उपायुक्त फारूक अहमद खान ने अपने कार्यकाल में फर्जी तरीके से 12 हजार से अधिक शस्त्र लाइसेंस जारी कर दिए। सीबीआई की अदालत की विशेष न्यायाधीश बाला ज्योति ने सोमवार को इस मामले में उनके खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी फारूक अहमद खान एक जून 2010 से 24 अप्रैल 2013 तक डोडा के उपायुक्त थे। फर्जी शस्त्र लाइसेंस जारी करने के 15 मामलों में से आरोपी फारूक अहमद खान और अन्य के खिलाफ चार आरोप पत्र दायर किए गए हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार गन हाउस के मालिक प्रमोद कुमार शर्मा मुख्य साजिशकर्ता हैं। उसने दिसंबर 2009 से दिसंबर 2012 तक तत्कालीन सहायक एलडी उमेश से मुलाकात की।
इस बीच प्रमोद कुमार ने जम्मू-कश्मीर में गन लाइसेंस जारी करने के संबंध में एलडी उमेश को अवगत कराया और लाइसेंस जारी करने की पात्रता के बारे में गलत जानकारी दी। विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि मामला धारा 120-बी आर/डब्ल्यू 420 आरपीसी और यू/एस 5 (1) और आर/डब्ल्यू 5 (2) पीसी अधिनियम के तहत अपराध स्व. 2006 का है। संवाद
20 दिसंबर को राजोरी व शोपियां के तत्कालीन डीसी के खिलाफ तय हुए थे आरोप: फर्जी गन लाइसेंस मामले में 20 सितंबर 2017 को पहली एफआईआर दर्ज हुई थी। आईपीसी की धारा 420, 467, 468, और 474, 120 बीके तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले के मुताबिक, वर्ष 2012 से 2016 के बीच जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में उपायुक्त की ओर से अवैध गन लाइसेंस जारी किए गए।