जम्मू संभाग के पुंछ में सेना के जवानों पर आतंकी हमले के बाद तीन आम नागरिकों की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले को तूल देने के लिए विपक्षी दलों की राजनीति जारी है। शनिवार को मृतकों के स्वजन और पीड़ितों का हाल जानने के लिए पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को सुरनकोट के टोपा पीर जाने की अनुमति नहीं दी। पुलिस ने उनके काफिले को बफलियाज में रोक दिया। वाहनों को वहीं खड़ा कर महबूबा कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस नाके को तोड़ आगे बढ़ गई। लगभग आठ किलोमीटर पैदल चलने के बाद टोपा पीर के पास सभी को पुलिस ने रोका लिया। महबूबा ने कार्यकर्ताओं सहित सड़क पर धरने के लिए बैठ गई। धरने के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की।
पुलिस ने महबूबा को पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं सहित हिरासत में लेकर सुरनकोट लाया। सुरनकोट पहुंचने के उपरांत महबूबा ने उप जिला अस्पताल सुरनकोट में भर्ती पीड़ितों से मुलाकात कर उन का हाल जाना। उन्होंने घायलों को उपचार के 10-10 हजार रुपये का चेक दिए।
पत्रकारों से महबूबा ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना और नेकां अध्यक्ष डा. फारूख अब्दुल्ला को वहां जाने की अनुमति दी गई। मुझे क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र को सैन्य छावनी में बदल दिया गया है मेरे जाने से उनकी पोल खुल जाती। इसलिए मुझे पीड़ित परिवार के घरों तक नहीं जाने दिया गया।