बता दें कि जम्मू कश्मीर मेंं पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड (केपीडीसीएल) को कुंडी, मीटर बाईपास और सेंशन लोड से अधिक बिजली फूंक रहे सहित अन्य तरीकों से बिजली चोरी में संलिप्त उपभोक्ताओं की इंटरनेट मीडिया पर वीडियो अपलोड कर सार्वजनिक रूप से पहचान करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
इसके साथ हवहीं, प्रिंसिपल सेक्रेटरी एच राजेश प्रसाद ने इस कार्रवाई को सही करार देते हुए कहा कि बिजली चोरी की रोकथाम के लिए बिजली निगम की अपील जब काम नहीं आई तो सामाजिक दबाव बनाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी हो गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अभियान तेज करेंगे और इसे अधिक मजबूती से चलाएंगे।
केपीडीसीएल द्वारा कश्मीर संभाग के विभिन्न जिलों में चलाए जा रहे इन अभियानों के दौरान अब तक दो हजार से अधिक उपभोक्ताओं पर जुर्माना लगाया जा चुका है। अभी भी यह कार्रवाई जारी है। यही नहीं, अब तक 15000 से ज्यादा जांच की जा चुकी है और बिजली चोरी में शामिल दोषी उपभोक्ताओं को 2 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा 1000 से अधिक अवैध कनेक्शनों को नियमित किया जा चुका है। और 2300 किलोवाट अतिरिक्त लोड बढ़ाया जा चुका है। बिजली निगम के इस अभियान को समाज के विभिन्न वर्गों से समर्थन भी मिल रहा है परंतु ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो इंटरनेट मीडिया पर दोषी उपभोक्ताओं की वीडियो अपलोड की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह उनकी छवि को खराब करने जैसा है। यह उनके निजी अधिकारों का भी उल्लंघन है। उनका तर्क था कि कोई भी बिजली चोरी का समर्थन नहीं कर रहा है, लेकिन सार्वजनिक रूप से व्यक्तियों का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर साझा करने के बजाय अन्य विकल्प होने चाहिए।