बता दें कि भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने उत्तर रेलवे के तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बीबी मित्तल को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई हैदर्ज केस के मुताबिक रेलवे के ठेकेदार राजीव जसरोटिया ने 15 जुलाई, 2009 को सीबीआइ के पास शिकायत दर्ज करवाई थी कि वर्ष 2006-07 में उसे विजयपुर से बाड़ी ब्राह्मणा और बाड़ी ब्राह्मणा से जम्मू के लिए पाथ-वे बनाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये का ठेका मिला था।
इसके साथ ही एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बीबी मित्तल ने मांगी रिश्वत इकाम पूरा करने के बाद उसे भुगतान भी हो गया, लेकिन साढ़े सात लाख रुपये की सुरक्षा राशि उत्तर रेलवे के पास थी, जिसे जारी करने के लिए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बीबी मित्तल ने उससे रिश्वत मांगी। जसरोटिया के मुताबिक 15 जुलाई, 2009 को उसने आरोपित से संपर्क किया तो उसने कहा कि घगवाल में है।
बता दें कि दस हजार रुपये रिश्वत मांगते हुए आरोपित ने उसे शाम को त्रिकुटानगर स्थित उसके घर आने के लिए कहा। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई के एडिशनल एसपी केएल रैना को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। रैना ने शिकायतकर्ता को आरोपित को फिर फोन करने के लिए कहा और इस बार उन्होंने फोन के स्पीकर पर सारी बात स्वयं सुनी, जिसमें आरोपित ने रिश्वत की मांग की।