राजोरी-पुंछ में आतंकी संगठनों की सुरक्षा एजेंसियों के भी कुछ लोगों द्वारा मदद करने का शक है। इनका पता लगाने के लिए जल्द ही एक बड़ा ऑपरेशन लांच होगा। सुरक्षा एजेंसियां घर के भेदियों का पता लगाएगी। सूत्रों की मानें तो सुरक्षा एजेंसियों के कुछ लोग जैश-ए मोहम्मद द्वारा संचालित पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट की मदद कर रहे हैं। इनकी मदद से आतंकियों को पहले ही पता चल जाता है कि उनके खिलाफ कहां पर ऑपरेशन होने वाला है।
यही कारण है कि पिछले तीन साल से आतंकी घात लगाकर हमला करते हैं और वहां से फरार हो जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि जैसे कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने के लिए आपरेशन ऑलआउट लांच किया गया था। इसी तर्ज पर राजोरी-पुंछ में भी कार्रवाई होगी। सुरक्षा एजेंसियां घर के भेदियों का पता लगाएंगी। पिछले तीन वर्ष से राजोरी-पुंछ में सेना के 30 जवान बलिदान हो चुके हैं। जब जब सेना पर हमला हुआ।
आतंकी मौके से फरार हो गए। सूत्रों का कहना है कि आतंकियों के खिलाफ जब भी सेना ने ऑपरेशन लांच किया। उसमें पुलिस और सीआरपीएफ भी शामिल रही, लेकिन नुकसान सेना को ही हुआ। आतंकियों को ऑपरेशन की पहले ही जानकारी मिल रही है। आतंकियों को सेना की मूवमेंट की जानकारी मिलना एक बड़ी परेशानी का सबब है।
बता दें कि आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया। वीडियो में दिखाया गया कि कैसे एक वर्दीधारी उनकी मदद कर रहा है। वह गाड़ी में बैठकर हमले का वीडियो बना रहा है। यहां तक कि उनको एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की मदद कर रहा है।सूत्रों का कहना है कि कुछ लोग सुरक्षा एजेंसियों में रहकर सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह कर रहे हैं। पहले उन्हें आतंकियों की जानकारी दी जाती है, बाद में जानकारी को आतंकियों तक पहुंचा दिया जाता है। ऐसे लोगों की पहचान के लिए जल्द ही एक बड़ा ऑपरेशन लांच किया जाएगा।