जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने के बाद आई भारी बारिश ने बहुत बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। इस आपदा में अब तक कम से कम 56 लोगों की मौत की खबर है। सेना और रेस्क्यू टीमें लगातार राहत और बचाव अभियान चल रही हैं।
Kishtwar Cloudburst Tragedy: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में गुरुवार को भीषण आपदा आ गई। यहां सुदूर पहाड़ी गांव चशोती में बादल फटने से कम से कम 56 लोगों की मौत हो गई है। अब भी कई लोग लापता हैं जिनके मलबे में फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। आपदा प्रबंधन के एक शीर्ष अधिकारी मोहम्मद इरशाद ने एएफपी को बताया है कि गुरूवार रात में बचाव कार्य रोके जाने से पहले घटनास्थल से 56 शव बरामद किए गए। इरशाद ने बताया कि करीब 80 लोग लापता हैं और उनकी तलाश जारी है।
इस बीच सेना रेस्क्यू टीमों के साथ मिलकर लगातार राहत और बचाव अभियान चला रही है। अधिकारियों ने बताया है कि चशोती गांव में सूरज ढलने तक बचावकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद मलबे के ढेर से करीब 300 लोगों को बाहर निकाल लिया है। इनमें से दर्जनों लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। मरने वालों में सीआईएसएफ के कम से कम 2 जवान भी शामिल हैं। इससे पहले जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती गई और आशंका है कि यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
भयावह हादसा, संभल नहीं पाए लोग
अधिकारियों ने बताया कि यह आपदा मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच आई। हादसे के समय मचैल माता यात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। साढ़े नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक वाहन से पहुंचते हैं, जिसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है। चशोती गांव किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। यहां श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया एक लंगर इस घटना से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई और दुकानों और एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं।
पल भर में बदला मंजर
घटनास्थल से सामने आई एक वीडियो में दिख रहा है कि कीचड़ भरे पानी, गाद और मलबे की बाढ़ खड़ी ढलानों से नीचे आ रही है और उसके रास्ते में आने वाली हर चीज तबाह हो गई। घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए, सड़कें और बचाव मार्ग अवरुद्ध हो गए, और भूस्खलन ने हरे-भरे परिदृश्य को पल भर में मलबे में बदल दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं हैं। स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। बचाव और राहत अभियान जारी है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “जरूरतमंद लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।”
गृह मंत्री ने दिया आश्वासन
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की है। शाह ने बताया है कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।” अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी की तलहटी में बसी घनी बस्ती में अचानक आई बाढ़ ने कई घरों को प्रभावित किया है