धारा 370 को लेकर एक बार फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बयान दिया है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि आखिर धारा 370 को जम्मू कश्मीर में किस वजह से लागू किया गया है। उन्होने कहा कि अनुच्छेद 370 को इस चिंता के कारण लागू किया गया था कि विभाजन के बाद पंजाब से लोग जम्मू और कश्मीर में आ सकते हैं और वहां बस सकते हैं।
जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हम अनुच्छेद 370 नहीं लाए। इसे 1947 में महाराजा हरि सिंह ने पेश और लागू किया गया था। यह केवल इस डर से था कि पंजाब के लोग विभाजन के बाद यहां आकर बस जाएंगे और हमारे राज्य के गरीब लोग अपना सामान बेच देंगे। आगे कहा कि महाराजा हरि सिंह ने यहां के स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए अनुच्छेद 370 लागू किया था।
उन्होंने बातचीत के दौरान आगे कहा कि विभाजन के बाद महाराजा हरि सिंह ने जम्मू-कश्मीर के गरीब लोगों को बचाने के लिए इस धारा को लागू किया था। उन्होंने केवल जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के स्थानीय लोगों के लिए नौकरियां आरक्षित की थी। यहीं आर्टिकल 370 था। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा था।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने धारा 370 को निरस्त करने के सरकार के कदम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया। तब टॉप कोर्ट ने माना था कि धारा 370 एक अस्थायी प्रावधान था। इसमें कहा गया कि किसी राज्य की ओर से केंद्र द्वारा लिए गए हर फैसले को कानूनी चुनौती नहीं दी जा सकती और इससे राज्य का प्रशासन ठप हो जाएगा।