आपकी जानकारी के लिए बता दें कि खबर यह है कि हाई कोर्ट की तरफ से एक बड़ा निर्देश जारी किया गया है! बता दें कि श्रीनगर और जम्मू में सरकारी बंगलों में जमे बैठे 48 नेताओं से आवास खाली करवाने की मांग को लेकर दायर याचिका में हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने एस्टेट विभाग को फिर निर्देश दिया है कि इनमें से उन नेताओं की सूची पेश करें जिनके पास जम्मू-कश्मीर में अपना घर है।
साथ ही इस मामले में एस्टेट विभाग ने इसी वर्ष 28 मार्च को एक स्टेटस रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें 48 नेताओं के नाम दिए गए थे। इनमें से 23 ने जम्मू और 25 ने श्रीनगर में सरकारी बंगलों पर कब्जा कर रखा था।
जानकारी के अनुसार मामले की सुनवाई के दौरान याची की ओर से पेश हुए एडवोकेट शेख शकील ने बेंच को एस्टेट रेगुलेशन 2004 के नियम पांच का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट है कि किन लोगों को सरकारी आवास नहीं मिल सकता। इसमें यह भी है कि जिनके पास संबंधित शहर में अपना घर है, वे सरकारी आवास का हकदार नहीं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एस्टेट विभाग ने जिन 48 नेताओं की सूची दी है, उनमें से कई ऐसे हैं जिनका जम्मू या कश्मीर में अपना घर है, ऐसे में ये लोग सरकारी आवास पाने के योग्य ही नहीं थे। इसके बावजूद उन्हें सरकारी बंगले दिए गए।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक सरकार खत्म होने के बाद विभाग ने 200 नेताओं से बंगले व क्वार्टर खाली करवाए जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती भी शामिल है, लेकिन इन 48 नेताओं से बंगले खाली नहीं करवाए गए। शेख शकील ने कहा कि हाईकोर्ट के पूर्व निर्देशानुसार एस्टेट विभाग ने इन 48 नेताओं को नोटिस जारी कर पूछा था कि जिनके पास अपना घर है, वे तीन दिन के भीतर जानकारी दें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से जानबूझ कर इस मामले को लटकाया जा रहा है।