जम्मू कश्मीर की प्रतिभाशाली छात्राएं ज्ञान के सफर की तैयारी पूरी कर चुकी हैं। करीब सात सौ छात्राओं के साथ उनके शिक्षकों और उनके मार्गदर्शकों के साथ कुल 780 लोगों के लिए विशेष ट्रेन एक दिन पूर्व ही कटड़ा के श्रीमाता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन पर पहुंच जाएगी।
यह छात्राएं राजनीति के मंदिर संसद भवन से सफर की शुरुआत करेंगी और विज्ञान की कर्मभूमि इसरो से लेकर कई प्रमुख शिक्षण व शोध संस्थानों का दौरा कर वहां शोध को समझेंगी।
इसके अलावा यह दल शांति के मसीहा की कर्मस्थली को भी पास से जाकर देखेगा। छात्राएं इस सफर के लिए खासी उत्साहित हैं। छात्राओं को ही नहीं, बल्कि कॉलेजों व विश्वविद्यालयों के शिक्षकों के लिए भी यह एक सुनहरा मौका है। कुछ छात्राओं के लिए यह पहला ट्रेन सफर है। ऐसे में यह सफर उनके लिए ज्ञान वर्धक के साथ खासा रोमांचक रहने वाला है।
छात्राओं को दूसरे प्रदेशों की संस्कृति, विरासत को ही नहीं जानेगी बल्कि प्रतिष्ठित संस्थानों में शोध व शिक्षा के माहौल को समझने का अवसर मिलेगा। जम्मू कश्मीर उच्च शिक्षा परिषद और जम्मू विश्वविद्यालय का यह संयुक्त प्रयास है। ज्ञानोदय एक्सप्रेस हर समूह का होगा एक मार्गदर्शक शिक्षक
इस अवसर पर जम्मू कश्मीर उच्च शिक्षा काउंसिल (Jammu Kashmir Higher Education Council) के वाइस चेयरमैन व दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी प्रो. दिनेश सिंह उपस्थित रहेंगे। यह ट्रेन दो दिसंबर को जम्मू वापस लौटेगी। छह से 10 छात्राओं का एक ग्रुप :इस सफर के लिए छह से 10 छात्राओं के ग्रुप का चुना गया है। हर समूह का एक मार्गदर्शक शिक्षक रहेगा।
इस समय इस ऐतिहासिक सफर की तैयारियां चल रही हैं। हर विश्वविद्यालय से एक अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इस पर छात्राओं और मार्गदर्शकों को ऑनलाइन बैठकों के माध्यम से नियमों के प्रति अवगत कराया जा रहा है।सभी छात्राएं और उनके मार्गदर्शक सीधे कटड़ा पहुंचेंगे। प्रोजेक्ट के संयोजक डा. दाउद इकबाल बाबा का कहना है कि तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए बैठकें हो रही है। छात्राओं में खासा उत्साह है।