-अक्षत सरोत्री
आज भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। इसी साल बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और भाजपा की हर संभव कोशिश है कि किसी तरह से भी ममता बनर्जी की टीएमसी की सरकार को सत्ता से बेदखल किया जाए। जब से भाजपा ने जबसे 2019 लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में जीत हासिल की है तबसे लगातार कई टीएमसी दिग्गज नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं। गौर है कि जितना भी नुकसान भाजपा ने 2019 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में हुआ उसकी भरपाई पश्चिम बंगाल में की थी इसलिए सभी बड़े बड़े दिग्गजों को पश्चिम बंगाल में बीजेपी के बड़े-बड़े दिग्गजों की नजर है। पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने मालदा में सूबे की सीएम और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला।
यह है किसान सम्मान निधि योजना, ऐसे मिलेगा इस सुविधा का लाभ
दीदी ने यहां के किसानों के साथ अन्याय किया
नड्डा (JP Nadda) ने कहा कि ममता दीदी ने यहां के किसानों के साथ अन्याय किया है। उन्होंने अपनी जिद, अहंकार और घमंड के कारण पश्चिम बंगाल में पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू नहीं की। उन्होंने यहां पर 70 लाख से अधिक किसानों को इसके लाभ से वंचित रखा है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘बंगाल में ममता दीदी ने किसानों के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है।
6,000 रुपए किसानों के सम्मान निधि को लागू तक नहीं किया
पीएम ने किसान सम्मान निधि के तहत एक साल में 6,000 रुपए किसानों के सम्मान के लिए देने का फैसला किया था, लेकिन ममता दीदी ने अपनी जिद के कारण इसे बंगाल में लागू नहीं होने दिया।’ उन्होंने कहा, ‘आज जब बंगाल के करीब 25 लाख किसानों ने केंद्र सरकार को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए अर्जी भेजी, तो ममता जी कहती हैं कि मैं भी योजना लागू करूंगी।
यह बातें बोली नड्डा ने ममता बनर्जी से
ममता जी अब चुनाव आ गए हैं। (JP Nadda) अब पछताए क्या होत जब चिड़िया चुग गई खेत।’ पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए जोर लगा रही भारतीय जनता पार्टी ने आज रथयात्राओं की शुरुआत करेगी। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कल रात ही कोलकाता पहुंच गए थे। जेपी नड्डा नदिया जिले के नवद्वीप से पहली रथयात्रा की शुरुआत करेंगे। भाजपा पूरे राज्य में ऐसी 5 रथयात्राएं निकालेगी। इस अभियान को भाजपा ने परिवर्तन यात्रा नाम दिया है। इसकी शुरुआत के लिए नवद्वीप को चुना गया है। यह 15वीं शताब्दी के संत चैतन्य महाप्रभु की जन्मस्थली है।