K T PARNAIK, 21 फरवरी (वार्ता)- अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केटी परनाइक ने विधायकों से लोगों की समस्याओं के प्रति ‘संवेदनशील और उत्तरदायी’ होने के साथ उनकी शिकायतों को सदन पटल पर रखने आह्वान किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में यहां राज्य विधान सभा के विशेष सत्र के दौरान सदस्यों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा, “संसदीय लोकतंत्र में, विधायिका लोगों की संप्रभु इच्छा का प्रतिनिधित्व करती है। हमें लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील और उत्तरदायी होना होगा और उनकी शिकायतों को सदन पटल पर उठाना चाहिए।
K T PARNAIK: विधायक जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहें
ऐसा करते हुए, हमें संकीर्ण सांप्रदायिक मतभेदों से ऊपर उठना चाहिए और साझा समृद्धि के अपने सपने को पूरा करना चाहिए।” उन्होंने कहा,“संसद और विधानमंडल आधारशिला हैं जिन पर हमारी लोकतांत्रिक राजनीति की इमारत टिकी हुई है, एक प्रतिनिधि लोकतंत्र के मूल उद्देश्यों में से एक यह देखना है इस शासन में ‘प्रजा पहले’ मंत्र को ध्यान में रखकर चलाया जाता है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य का राजनीतिक नेतृत्व चुनौतियों और अवसरों से पूरी तरह से अवगत है और अपने लोगों के लिए शांति और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए ईमानदारी से काम कर रहा है।
उन्होंने कहा,“ऐसा कुछ भी नहीं है जो अरुणाचल प्रदेश के लोगों और नेताओं की इच्छा और दृढ़ संकल्प के सामने रुकावट डाल सके।”उन्होंने कहा कि राज्य ने तुलनात्मक रूप से कम समय में एक लंबी यात्रा तय की है। आज का अरुणाचल प्रदेश एक प्राचीन सभ्यता की विरासत और आशाजनक तथा असीम भविष्य के क्षितिज के बीच खड़ा है।