Kashmir Pandit, श्रीनगर 27 फरवरी (वार्ता) : कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) ने प्रधानमंत्री से जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को तत्काल हटाने की अपील की है।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में रविवार सुबह एक बैंक में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत कश्मीरी पंडित संजय शर्मा की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अक्टूबर 2021 के बाद से घाटी में मारे जाने वाले संजय चौथे कश्मीरी पंडित हैं।
केपीएसएस अध्यक्ष संजय के टिकू ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार को कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा के मुद्दे को संबोधित करने के लिए वर्तमान उपराज्यपाल की ‘विफलता’ को स्वीकार करना चाहिए। उन्हाेंने कहा , “ केपीएसएस, कश्मीर घाटी में स्थिति पर कड़ा ध्यान दें और प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को उच्च स्तर पर हस्तक्षेप करने और धार्मिक सुरक्षा के मुद्दे को संबोधित करने के लिए वर्तमान उपराज्यपाल की विफलता को स्वीकार करने के लिए याद दिलाएं। कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यक विशेष रूप से गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडित जो सरकार, आतंकवादियों और कश्मीर घाटी के बाहर शानदार जीवन जीने वाले प्रवासी कश्मीरी पंडितों के बीच चारा बन गए हैं।”
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टिंकू ने कहा,“हमारा संगठन सबसे विनम्रतापूर्वक हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से अनुरोध करता है कि वे अपने व्यक्तिगत एजेंडे और आत्म-दंभ को आराम दें और इस मुद्दे को गंभीरता से लें और कश्मीरी पंडितों को मारने के लिए वर्तमान उपराज्यपाल को तुरंत बदलें।”
केपीएसएस अध्यक्ष ने कश्मीर घाटी में रहने वाले निर्दोष कश्मीरी पंडितों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के जीवन की रक्षा के लिए आतंकवादियों तथा उनकी सहायता के खिलाफ ‘क्रूर अभियान’ शुरू करने के लिए भारत सरकार से आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा। उन्होंने कहा,“ये आतंकवादी युद्ध चाहते हैं और भारत सरकार को खुले दिल और क्रूर रणनीतियों के साथ इस चुनौती पर विचार करना चाहिए और कश्मीर की स्थिति के साथ प्रयोग करना और कश्मीरी पंडितों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के जीवन को खतरे में डालना बंद कर देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए तथ्य यह है कि अगस्त 2019 के बाद से, जब कश्मीरी पंडितों और कश्मीर घाटी में रहने वाले हिंदुओं की आजीविका और अस्तित्व की बात आती है तो कश्मीर की स्थिति बद से बदतर हो गई है।
श्री टिकू ने कहा कि 1990 से कश्मीरी पंडितों के लिए कश्मीर में काला समय जारी है और दुनिया इस मुद्दे पर बहरी और अंधी हो गई है जिसमें कश्मीर में रहने वाले निर्दोष धार्मिक अल्पसंख्यकों का जीवन और सुरक्षा शामिल है।
केपीएसएस अध्यक्ष ने कहा, “इस्लामी देश और विद्वान बार-बार दावा करते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन उन्हें कश्मीर में यह देखने की जरूरत है कि यहां न केवल उसका एक धर्म है, बल्कि एक चेहरा भी है।”
गौरतलब है कि रविवार की हत्या के बाद केपीएसएस ने सोमवार को बंद का आह्वान किया था।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि प्रशासन ने आतंकवादियों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट दी है।
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