अपने पूर्वजों से मिली संपत्ति हमारे लिए महत्वपूर्ण होती है, लेकिन इसे बेचने पर कई मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें से एक मुद्दा है टैक्स का मामला। आपके मन में यह सवाल हो सकता है कि विरासत की संपत्ति पर टैक्स लगेगा या नहीं? इस सवाल के जवाब में आपकी मदद करने के लिए हम यहां हैं।
जैसा कि आपने अच्छे से समझाया, विरासत की संपत्ति पर टैक्स उस समय लगेगा जब आप उसे बेचेंगे। यानी आपके पास जब तक विरासत की संपत्ति रहेगी, आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। टैक्स का भुगतान तब होगा जब आप विरासत की संपत्ति को बेचेंगे और उस पर लागू होने वाले कर की राशि को देनी होगी।
इसका मतलब है कि आपको उस संपत्ति की बिक्री पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा, और जब तक आप उसे नहीं बेचते, आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
विरासत की संपत्ति में कौन शामिल होता है?
विरासत की संपत्ति में वह संपत्ति शामिल होती है जो आपको आपके पूर्वजों से मिली है, जैसे कि पिता, दादा, नाना आदि से। इसके अलावा, आपके पिता या दादा की बहिनों और भाइयों द्वारा प्राप्त की गई संपत्ति भी विरासत की संपत्ति में आ सकती है।
विरासत संपत्ति पर कर कौन देगा?
विरासत संपत्ति पर कर देने की जिम्मेदारी संपत्ति के मालिक की होती है। जब आप विरासत की संपत्ति को बेचेंगे और उस पर लागू होने वाले कर की राशि आएगी, तो आपको उसे आयकर विभाग के निर्देशानुसार भुगतान करना होगा। इस तरह, विरासत संपत्ति की बिक्री पर लागू होने वाले कर का भुगतान आपकी जिम्मेदारी होती है और यह आपके आयकर रेट और निवेश की अवधि के आधार पर निर्धारित होता है।
विरासत की संपत्ति को लेकर आयकर अधिनियम में कुछ महत्वपूर्ण नियम होते हैं जिन्हें जानना महत्वपूर्ण है। इन नियमों के अंतर्गत, विरासत की संपत्ति पर कितना आयकर लगेगा और कैसे लागू होगा, इसका निर्णय आत्मभरण के अनुसार होता है।
विरासत की संपत्ति को लेकर आयकर के नियम
1. प्राप्ति की तारीख: आयकर अधिनियम के अनुसार, यदि विरासत की संपत्ति 1 अप्रैल, 1981 से पहले प्राप्त हुई है, तो संपत्ति के मालिक को संपत्ति के उचित बाजार मूल्य को अद्यतन करने का विकल्प होता है। विरासत मिलने के समय के आधार पर मालिक यह विकल्प चुन सकते हैं। यदि संपत्ति 1 अप्रैल, 2001 के बाद प्राप्त हुई है, तो आधिकारिक तौर पर 50,000 रुपये तक की अधिग्रहण लागत मान्य होती है।
2. कर भुगतान: आयकर अधिनियम के तहत, विरासत संपत्ति की बिक्री पर आपको उस पर लागू होने वाले कर का भुगतान करना होगा। इसका जिम्मेदारी संपत्ति के मालिक की होती है।
3. इंडेक्सेशन से लाभ: आयकर अधिनियम के अनुसार यदि विरासत की संपत्ति को प्राप्त करने के वर्ष में आपको इंडेक्सेशन से लाभ प्राप्त होता है, तो आपको उस साल से ही इंडेक्सेशन के लाभ का उपयोग करने का अधिकार होता है। विरासत की संपत्ति को लेकर आयकर अधिनियम में ये नियम होते हैं, जिन्हें जानकर आप अपने कानूनी और आयकरिक दायित्वों का पालन कर सकते हैं।
ये भी पढें: पेटीएम के शेयरों में 11% की उछाल, जानें इसकी वजह