पीएम मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. लेकिन इस नए बिल्डिंग को लेकर देश में सियासत छिड़ गई है. 19 विपक्षी दल नई बिल्डिंग के उद्घाटन समरोह का बायकॉट कर रहे है. इसपर विपक्षी पार्टीयां इस समारोह की आलोचना कर रहे है. विपक्षी नेताओं ने इसे राष्ट्रपति का अपमान बता रहे है. उद्घाटन समारोह की तारीख पर सवाल उठा रहे है, उनका कहना है कि 28 मई का दिन सावरकर की जयंती का दिन है. ओवैसी ने भी कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम मोदी को नहीं बल्कि स्पीकर को करना चाहिए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टीएमसी, कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सहित 19 दलों ने इस उद्घाटन समरोह को बॉयकॉट किया है. लेकिन इसी बिच ऐसे काईं विपक्षी दल है जो उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होंगे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की वाई एस आर कांग्रेस पार्टी, पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी ने आज ऐलान किया कि वो नए संसद भवन के उद्घाटन में हिस्सा लेंगे.
विपक्षी पार्टीयां जो शामिल होंगे समारोह में
इसी बीच शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि संसद भवन का उद्घाटन देश के लिए सम्मान की बात है. ऐसे में हमने निर्णय लिया है कि हम जाएंगे. विपक्ष के उठाए गए सवालों से हम सहमत नहीं है. वाई एस आर कांग्रेस के सांसद विजयसाई रेड्डी ने भी यही बात कही.
19 विपक्षी पार्टियां
इस उद्घाटन में 9 विपक्षी पार्टिया जो शामिल नहीं होगी वो है- कांग्रेस, टीेएमसी, द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक), समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कांफ्रेंस, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और एनसीपी के के अलावा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) और राष्ट्रीय लोकदल.
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