लैंड फॉर जॉब मामले में सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट पर आज सुनवाई होने वाली है, और इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को सीबीआई ने आरोपी बनाया है। पिछली सुनवाई में, सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केस चलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से इजाजत मांगी थी और इस पर मंजूरी मिल गई है। यह सुनवाई लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है और यह दरअसल भ्रष्टाचार और भूमि के बदले नौकरी देने के आरोपों के साथ जुड़ी है। इसमें सीबीआई की जांच और न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से तय किया जाएगा कि क्या आरोपी के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएंगे या नहीं।
सीबीआई के वकीलों ने कहा है कि बाकी तीन अधिकारियों के खिलाफ केस की सुनवाई का इंतजार है और यह सुनवाई एक हफ्ते में हो सकती है। 3 जुलाई को, लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में CBI ने नई चार्जशीट दाखिल की थी। अगर तीन आरोपी अधिकारियों के खिलाफ गृहमंत्रालय की मंजूरी मिल गई तो कल कोर्ट में तेजस्वी यादव को आरोपी के तौर पर समन जारी करने की पूरी संभावना है।
क्या है पूरा मामला?
लैंड फॉर जॉब मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। इस मामले में लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान नियमों की अनदेखी कर कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी दी गई, जिसके लिए कोई भर्ती नोटिफिकेशन निकाला गया था। साथ ही, जिन लोगों को नौकरी दी गई, उनसे लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर पटना, मुंबई और अन्य शहरों में बेशकीमती जमीन लिखवाई गई थी।
ईडी कर रही जांच
रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के मामले में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, और 17 अन्य अभियुक्तों के खिलाफ सीबीआई लैंड फॉर जॉब घोटाले की जांच जारी है। इनके खिलाफ जमानत पर बाहर जाने का आलेख है, और इस मामले में रेलवे में नौकरी देने के बजाय जमीन लिखवाने का आरोप है। इसके अलावा, मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के संदर्भ में भी जांच ईडी (ईनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट) द्वारा की जा रही है।
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