पहली बार चुनावी दंगल में उतर रही गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्राग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) को चुनाव चिह्न बाल्टी मिला है। इसकी पुष्टि डीपीएपी के प्रवक्ता सलमान निजामी ने भी की है। उन्होंने कहा कि हमने चुनाव चिह्न के लिए चुनाव आयोग में आवेदन किया था। चुनाव आयोग ने हमें बाल्टी चुनाव चिह्न आवंटित किया है। हम पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
कांग्रेस से अलग होने के बाद आजाद ने सितंबर, 2022 में अलग राजनीतिक दल बना लिया था। शुरू में इसका नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा गया, लेकिन कुछ समय बाद इसका नाम डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी कर दिया गया। डीपीएपी ने जम्मू-कश्मीर की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है।
ऊधमपुर-कठुआ संसदीय क्षेत्र के लिए डीपीएपी ने पूर्व मंत्री जीएम सरूरी को उतारा है। अन्य सीटों पर पार्टी अपने संभावित उम्मीदवारों के नाम पर विचार करने के अलावा समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ गठजोड़ की संभावनाओं को भी तलाश रही है। आजाद के अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है।