लोकसभा चुनाव में भाजपा को बंगाल में काफी नुकसान देखने को मिल रहा है। हालांकि चुनाव से पहले सीएए लागू करना पश्चिम बंगाल में बीजेपी के लिए मुसीबत बन गया है। दरअसल आज मतगणना के दिन पश्चिम बंगाल से जो रुझान सामने आ रहे हैं वो बीजेपी को निराश करने वाले हैं। शुरुआती रुझानों में बीजेपी को राज्य में झटका लगता दिख रहा है। 42 लोकसभा सीटों वाले इस राज्य में टीएमसी 29 सीटों के साथ बढ़त बनाए हुए हैं। जबकि बीजेपी को महज 10 सीट और कांग्रेस को दो सीट मिलती दिख रही है।
पश्चिम बंगाल का चुनावी गणित
लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी समेत बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं ने इस राज्य में खूब रैलियां की थी। हालांकि शुरुआती रुझान में इन रैलियों का असर नहीं दिख रहा है। बीजेपी को अभी तक महज 10 सीट मिलती दिख रही हैं। बता दें कि दो दिन पहले आए एग्जिट पोल भी इन रुझानों से बिल्कुल जुदा हैं। एग्जिट पोल में बीजेपी को राज्य में 28 से 31 सीटें मिलती दिख रही थीं। वहीं टीएमसी 11-14 सीटें मिली थी लेकिन अब अभी तक के रुझान इससे बिल्कुल अलग हैं।
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, भाजपा के कद्दावर उम्मीदवार और प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार बालूरघाट सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तृणमूल के बिप्लब मित्रा से 4,855 मतों से पीछे हैं। भाजपा उम्मीदवार एस एस अहलूवालिया पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तृणमूल के शत्रुघ्न सिन्हा से 6,956 मतों से आगे हैं। तृणमूल उम्मीदवार अरुप चक्रबर्ती ने बांकुड़ा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा सांसद सुभाष सरकार पर 3,765 मतों से बढ़त बना ली है।
ममता बनर्जी ने किया था CAA का विरोध
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने ईद के मौके पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि वो यूसीसी, एनआरसी और सीएए को लागू नहीं होने देंगी। ममता बनर्जी समेत कई विपक्षी नेता CAA का अभी भी विरोध कर रहे हैं। हालांकि विरोध के बाद भी पश्चिम बंगाल में 29 मई को लोगों को नागरिकता( संशोधन ) नियम 2024 के तहत भारत की नागरिकता दी गई।