रवि श्रीवास्तव
भोपाल गैस त्रासदी की आज 36वीं वर्षगांठ है, त्रासदी की याद में प्रदेश सरकार ने एलान किया है कि आज राजधानी भोपाल में सभी सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे…लेकिन आखिर 36 साल पहले ऐसा क्या हुआ था जिसे याद कर आज भी भोपाल के लोगों की रूह कांप जाती है..आखिर ऐसा क्या हुआ था जिसकी टीज आज भी लाखों परिवार में हैं भोपाल गैस त्रासदी 80 के दशक की सबसे बड़ी त्रासदी थी जिसने रातों-रात हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दिया..आइए पॉइंट्स के जरिए आपकों त्रासदी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं
भोपाल गैस त्रासदी में क्या हुआ था ?
यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने में जहरीली गैस के रिसाव से हुई थी
साल 1984 में 2 और 3 दिसंबर की दरमियानी रात हुआ था भोपाल गैस हादसा
यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से करीब 40 टन गैस का रिसाव हुआ था
इसकी वजह थी टैंक नंबर 610 में जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का पानी से मिल जाना
इससे हुई रासायनिक प्रक्रिया की वजह से टैंक में दबाव पैदा हो गया
कहा गया टैंक खुल गया और उससे रिसी गैस ने हजारों लोगों की जान ले ली।
एक आकड़े के मुताबिक यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में जहरीली गैस के रिसाव ने ली थी 15 हजार से ज्यादा जानें
सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस त्रासदी में कुल 5, 74, 376 लोग प्रभावित हुए थे
त्रासदी के पीड़ित आज भी जिंदगी से जंग लड़ रहे हैं
अपनों को खोने वाले मुआवजे के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं
इनमें से 5,21,00 प्रभावितों को 25 हजार रुपए मुआवजा मिला था
मृतकों को 10 लाख रुपए का मुआवजा मिला था