Maharashtra Cabinet, मुंबई, 22 फरवरी (वार्ता) : महाराष्ट्र में गुढी पाडवा और डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर जयंती के मौके पर राशन कार्ड धारकों को एक सौ रुपये का राशन दिया जायेगा। राज्य मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इससे एक करोड़ 63 लाख राशन कार्ड धारकों को लाभ होगा। राशन कार्ड धारकों को इस तरह का लाभ पहले दिवाली के समय दिया जाता था।अंत्योदय भोजन योजना के तहत यह सुविधा दी जाएगी और आत्महत्या की घटनाओं वाले 14 प्रभावित जिलों के परिवारों को प्राथमिकता दी जायेगी। औरंगाबाद और अमरावती संभाग के किसान, नागपुर संभाग के वर्धा, गरीबी रेखा से नीचे, राशन कार्ड धारकों को गुड़ी पड़वा से अगले महीने के भीतर एक एक किलो सूजी, चना दाल और चीनी के साथ एक लीटर पॉम ऑयल मिलेगा। इस समय अवधि के लिए उन्हें ई-पास 100 रुपये (प्रति यूनिट) की रियायती दर पर जारी किया जाएगा। यह राशन उन जगहों पर ऑफलाइन दिया जाएगा जहां ई-पास सिस्टम नहीं है।
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मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान के माध्यम से कहा कि इस ‘खुशी राशन’ उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक राशन की खरीद के लिए ऑनलाइन पोर्टल महाटेंडर्स के माध्यम से 21 दिनों के बजाय 15 दिनों के भीतर निविदा प्रक्रिया को पूरा करने की मंजूरी दी गई है।कैबिनेट ने महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में सिंचाई परियोजनाओं के लिए आवश्यक 5177.38 करोड़ रुपये के संशोधित व्यय को मंजूरी देने का भी निर्णय लिया। इस सिंचाई परियोजना के तहत 68 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का सीधा लाभ मिलेगा। यह पत्थर का बांध प्रवरा नदी पर नीलावंडे गांव के ऊपरी हिस्से में बनाया जा रहा है और बांध से बाईं नहर शुरू होती है और यह 85 किमी लंबी है। लंबी है नदी के दाहिने किनारे पर चलने वाली नहर की लंबाई 97 किमी है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि इन दोनों नहरों से 68 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होने की उम्मीद है। गुढी पाडवा के दिन हिन्दू नव संवत्सरारम्भ माना जाता है। चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुढी पाडवा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता है। इस दिन हिन्दू नववर्ष का आरम्भ होता है। ‘गुढी’ का अर्थ ‘विजय पताका’ होता है। कहते हैं शालिवाहन ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से प्रभावी शत्रुओं (शक) का पराभव किया। इस विजय के प्रतीक रूप में शालिवाहन शक का प्रारंभ इसी दिन से होता है। ‘युग‘ और ‘आदि‘ शब्दों की संधि से बना है ‘युगादि‘। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ‘उगादि‘ और महाराष्ट्र में यह पर्व ‘ गुढी पाडवा ‘ के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन चैत्र नवरात्रि का प्रारम्भ होता है।
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