मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की नेतृत्त्व में केंद्रीय और राज्य सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आई है। सरकार ने गणेश चतुर्थी से पहले महंगाई भत्ते में वृद्धि का ऐलान किया है, जिससे सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक रूप से आरामिदी मिलेगा।
एकनाथ शिंदे सरकार ने अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने वाले सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 34 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया है। इस फैसले के साथ ही, सरकार के खजाने पर एक करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। यह कदम सरकारी कर्मचारियों के लिए आर्थिक सुखद समय की शुरुआत होने का संकेत है।
यह नहीं पहली बार है जब महाराष्ट्र सरकार ने महंगाई भत्ते में वृद्धि का ऐलान किया है। अगस्त 2022 में भी सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ उसे 34 फीसदी कर दिया गया था।
केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए भी इसी तरह की बढ़ोतरी की उम्मीद है। सितंबर के आखिर हफ्ते में संसद के स्पेशल सत्र के बाद मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है। इसमें महंगाई भत्ते को 3 फीसदी से बढ़ाकर 45 फीसदी करने की संभावना है। यह फैसला एक जुलाई से लागू होगा, और अक्टूबर महीने का वेतन महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के साथ मिलेगा। इससे करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा।
महंगाई भत्ता इंडस्ट्रियल वर्कर्स के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है, और इसके बढ़ जाने से कर्मचारियों को आर्थिक सुखदी मिलेगा। अगस्त 2023 के आंकड़ों के मुताबिक, महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस लेवल से ऊफर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई है, जबकि खाद्य महंगाई दर 11.51 फीसदी रही है। केंद्र सरकार से कर्मचारियों को आशा है कि महंगाई भत्ते में इजाफा करने का ऐलान हो सकता है, जिससे उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी।
सरकार के इस कदम से कर्मचारियों को आर्थिक सुखद समय की शुरुआत हो रही है, और यह सरकारी कर्मचारियों के जीवन को सुखद और सामृद्धि भरा बनाने का एक योगदान है।
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