इंडियन रेलवे में एक और बड़ा बदलाव हुआ है। अब रेलवे यात्रियों की शिकायतें और जरूरतें प्राइवेट कंपनियों के हाथों में होंगी। रेलवे में सफर करते वक्त यात्रियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि बेड रोल, चादर, कंबल, खाना, और सीट रिजर्वेशन के संबंध में शिकायतें। यात्रियों की इन शिकायतों का समाधान करने के लिए वे रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 139 पर कॉल करते हैं। लेकिन अब रेलवे ने यात्रियों की शिकायतों के समाधान के लिए एक नया कदम उठाया है। इसके अनुसार, रेलवे एप, पोर्टल, एप्लिकेशन, ऑनलाइन शिकायतें और सोशल मीडिया पर मिलने वाली शिकायतों को सुनने और उन पर अमल करने की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों के हाथों में दी जाएगी
प्रयागराज मंडल में 78 लाख की निविदा जारी
पहले, रेलवे की यात्रियों की शिकायतें रेलवे कर्मचारियों द्वारा ही सुनी जाती थी, लेकिन पिछले दिनों प्रयागराज मंडल में 78 लाख की निविदा जारी की गई है, जिसके अंतर्गत सोशल मीडिया मैनेजमेंट एजेंसी को रेलवे की निगरानी के लिए जिम्मेदारी दी जाएगी। रेलवे मंत्रालय की मानें तो रेलवे के सभी एप्लिकेशन रेलवे की निगरानी में हैं, लेकिन अब सभी प्रकार की शिकायतों को सोशल मीडिया मैनेजमेंट एजेंसी संभालेगी। रेलवे का प्लान है कि उसका ऑनलाइन सोशल मीडिया मैनेजमेंट और मजबूत हो, इसलिए अब बेहतर मॉनीटरिंग के लिए निजी कंपनी को भी जिम्मेदारी दी जा रही है। प्रयागराज मंडल द्वारा जारी निविदा 13 अक्टूबर को खुलेगी, जिसमें सोशल मीडिया पर रेलवे के यात्री द्वारा की जानेवाली शिकायतों का निपटारा किया जाएगा।
भारतीय रेलवे, यात्रियों की सुविधा और उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए अब सोशल मीडिया मैनेजमेंट की जिम्मेदारी को निजी कंपनियों के हाथ में देने जा रहा है। इसका मतलब है कि अब सोशल मीडिया पर आने वाली शिकायतों को स्वागती प्राइवेट कंपनियां ही सुनेंगी।
भारतीय रेलवे, यात्रियों की सुविधा को और भी बेहतर बनाने के लिए नए बदलाव कर रही है। उत्तर-मध्य रेलवे ने अब तीन सालों के लिए ऑनलाइन सिस्टम की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को सौंपने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि अब यात्री 139 नंबर पर कॉल कर अपने समस्याओं को प्राइवेट कंपनियों के ऑपरेटर को बता सकेंगे, और प्राइवेट ऑपरेटर उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेंगे।
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