मंगलयान-2: इसरो की नई मिशन, मंगल ग्रह का अध्ययन करेगा

मंगलयान
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चंद्रयान-3 की सफलता के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब एक और महत्वपूर्ण मिशन पर तैयारी कर रहा है – “मंगलयान-2″। यह मिशन मंगल ग्रह पर और अधिक विस्तारपूर्ण अध्ययन के लिए भेजा जाएगा।

मंगलयान-2 के अंग

मंगलयान-2 मिशन चार महत्वपूर्ण पेलोड (यानि विज्ञान उपकरण) लेकर जाएगा:

  1. मार्स ऑर्बिटर मिशन-2 (MODEX): MODEX मंगल ग्रह पर धूल की उत्पत्ति, वितरण, और प्रवाह का अध्ययन करने में मदद करेगा।
  2. रेडियो ऑकल्टेशन (RO) प्रयोग: RO प्रयोग मंगल ग्रह के वातावरण की अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण होगा।
  3. ऊर्जावान आयन स्पेक्ट्रोमीटर (EIS): EIS सौर ऊर्जा कणों की विशेषता का अध्ययन करने में मदद करेगा।
  4. लैंगमुइर प्रोब और इलेक्ट्रिक फील्ड एक्सपेरिमेंट (LPEX): LPEX इलेक्ट्रॉन तापमान और विद्युत क्षेत्र तरंगों को मापने में सक्षम होगा, जो मंगल ग्रह पर प्लाज्मा वातावरण की बेहतर तस्वीर देगा।

मंगलयान-2 का मिशन

मंगलयान-2 का मिशन होगा मंगल ग्रह के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करना, जिसमें अंतरग्रहीय धूल और मंगल ग्रह का वातावरण और पर्यावरण शामिल हैं। इस मिशन से हम बेहतर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि मंगल ग्रह पर कैसे जीवन की संभावनाएँ हो सकती हैं।

मंगलयान-1 का महत्व

पहले प्रयास में, भारत ने 2014 में मंगल ग्रह पर पहला अंतरिक्ष यान “मंगलयान” (Mangalyaan) भेजा था, जिसके सफलता ने भारत को अंतरिक्ष में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। यह मिशन हमारे वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह के रहस्यों के बारे में बेहतर समझने का मौका दिया और भारतीय अंतरिक्ष प्रोग्राम को एक नया दिशा देने में सहायक था।

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