इंफाल 19 फरवरी (वार्ता): मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को पूर्वी इंफाल जिले के चिंगखेचिंग में बन रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी छोड़ कर इसका शुभारंभ किया।
पैंतालीस एमएलडी संयंत्र के शुभारंभ से शुरू में इंफाल शहर के कुछ क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त होगा। जनता को जल उपलब्ध कराने हेतु समर्पित प्रयासों के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार की सराहना करते हुए श्री बीरेन ने कहा कि संयंत्र के लिए पानी का स्रोत थौबल बांध होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता को नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। एक बार पाइपलाइन का काम पूरा हो जाने के बाद, चिंगखेचिंग का संयंत्र इंफाल के विभिन्न हिस्सों को पानी उपलब्ध कराने में सक्षम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगदा बांध जैसे स्रोतों पर पानी की कमी के बारे में जनता के बीच आशंका थी। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों का सूखना मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर वनों की कटाई के कारण है। उन्होंने बरसात के मौसम से पहले की अवधि के लिए संयंत्र द्वारा पूरे इंफाल क्षेत्रों में नल का पानी उपलब्ध कराने की संभावना पर भी जोर दिया। राज्य सरकार लोकतक झील, तुपुल के पास इजेई नदी और करौंग की ओर से बराक नदी सहित विभिन्न स्रोतों से पानी प्राप्त करने पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जल स्रोतों को बढ़ाने के लिए परियोजनाएँ बनाई जा रही हैं।
उन्होंने जी-20 के प्रतिनिधियों द्वारा हाल की यात्रा के दौरान राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन क्षमता की सराहना का उल्लेख किया तथा राज्य में जी20 कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए अपार सहयोग व समर्थन के लिए सरकारी अधिकारियों एवं जनता की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने बरसात शुरू होने से पहले सभी लोगों से एक-एक पौधा लगाने की अपील करते हुए सरकार के विभिन्न विकास कार्यों में जनता का सहयोग भी मांगा।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री लीशांगथेम सुसिंद्रो मेइती ने बताया कि संयंत्र की क्षमता 45 एमएलडी है और इस परियोजना की लागत 188 करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि इंफाल पश्चिम के कई स्थान पर सिंगडा बांध से जल प्रदान किया जा रहा था, लेकिन जल स्रोत के सूखने के कारण पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि विभाग इन क्षेत्रों को संयंत्र से पानी की आपूर्ति करने का भी प्रयास कर रहा है।