सांप्रदायिक हिंसा में जल उठा मणिपुर!

Manipur Violence
Manipur Violence

हिंसा के बाद मणिपुर सुलग रहा है. हिंसा प्रभावित 8 जिलों में धारा 144 लागू है और अभी भी उन सभी इलाकों में तनाव बना हुआ है (Manipur Violence). कल भी वहां जमकर आगजनी हुई. उपद्रवियों ने सुरक्षा बलों की गाड़ियों को फूंक दिया. दुकानों में भी आगजनी की. हालात को देखते हुए वहां सशस्त्र जवानों की तैनाती की गई है.

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आखिर ऐसे हालात बनें क्यों? (Manipur Violence)

मणिपुर पिछले काफी दिनों से हिंसा की आग में सुलग रहा है. जातीय हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट, हत्या हालात भयावह है और इंटरनेट बंद है. उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए जा चुके हैं. हजारों लोग अपना घर-बार छोड़कर पड़ोसी राज्य असम में पलायन कर रहे हैं.

बता दें कि, राजधानी इम्फाल से दक्षिण में 63 किलोमीटर पर स्थित चुराचंदपुर जिला हिंसा का केंद्र बना हुआ है. केंद्र सरकार लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है. बड़ी तादाद में आर्मी और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है.

इस वक्त मणिपुर में सेना और सुरक्षाबल मोर्चा संभाल रहे हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने मणिपुर में अनुच्छेद 355 लगाते हुए राज्य की सुरक्षा और क़ानून व्यवस्था अपने हाथों में ले ली है.

आपको बताते हैं कि, इस हिंसा की असल वजह क्या है, क्या ये हिंदुओं और ईसाइयों की लड़ाई है. और मणिपुर हाईकोर्ट का वो कौन-सा आदेश है, जिसने सियासी पारा चढ़ा दिया है.

मैतेई समुदाय की आबादी 53% से ज्यादा है, लेकिन मैतेई लोग सिर्फ घाटी में ही बस सकते हैं. वहीं नागा औक कुकी समुदाय की आबादी 40% है. नागा औक कुकी समुदाय पहाड़ी इलाकों में बसे हैं, जो मणिपुर का 90 फीसदी पहाड़ी इलाका है. मणिपुर में आदिवासियों को खास अधिकार प्राप्त है, इसलिए पहाड़ी इलाकों में सिर्फ आदिवासी ही बस सकते हैं क्योंकि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं मिला है इसलिए मैतेई समुदाय पहाड़ी इलाकों में नहीं बस सकते हैं जबकि, नागा, कुकी को घाटी में भी रहने का अधिकार है. नागा, कुकी दोनों समुदाय घाटी और पहाड़ों में बस सकते हैं, इसलिए बसने के अधिकार को लेकर लड़ाई शुरु हो गई है. मैतेई समुदाय मांग कर रहा है उसे ST का दर्जा मिले.

अबतक 54 लोगों की मौत की पुष्टि

मणिपुर में सुलगी इस हिंसा में अबतक 54 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. हालांकि, असली आंकड़े आधिकारिक से ज्यादा भी हो सकते हैं. इसके अलावा करीब 100 लोग जख्मी हुए हैं. बता दें कि, मरने वालों में इनकम टैक्स अफसर लेमिनथांग हाओकिप भी हैं.साथ ही, CRFP के एक कोबरा कमांडो की भी हिंसा में मौत हुई है. सेना के मुताबिक, अबतक 13 हजार लोगों को सुरक्षित निकालकर आर्मी कैंप पहुंचाया गया है.राज्य में इस वक्त हालात अंडर कंट्रोल बताए जा रहे हैं.

(By Tarannum Rajpoot)