कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कल लोकसभा में चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए स्थगन नोटिस भेजा है। उन्होंने कहा कि चीन अपने सैनिकों के लिए पुल, सड़क और आवास सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण जारी रखता है और एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा है। इससे चिंता है कि भारत को भारी नुकसान में डालने वाली स्थिति पैदा हो सकती है।
तिवारी ने इससे पहले भी सीमा के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की मांग की है और सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि 2020 से शुरू होकर चीन का भारत के साथ व्यापार अधिशेष लगातार बढ़ रहा है, जिससे भारत के लिए व्यापार घाटा हुआ है। इसलिए, इस विषय पर संसद में विस्तृत चर्चा की जरूरत है।
दिसंबर 2020 में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध के बीच तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास झड़प हुई थी। इससे पहले भी चीन ने अपनी स्थिर आक्रामकता का संकेत दिया था और अब तक झड़पों के स्थान से लगभग 2000 किलोमीटर दूर अरुणाचल प्रदेश में झड़पें हुई हैं। तिवारी ने इसे एक चिंता का संकेत माना है और सरकार से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने की अपील की है।
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