MANOJ SINHA: सिन्हा ने की कश्मीरी पंडित पर आतंकी हमले की निंदा

MANOJ SINHA
सिन्हा ने की कश्मीरी पंडित पर आतंकी हमले की निंदा
MANOJ SINHA, 26 फरवरी (वार्ता)- जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को संजय कुमार पर आतंकवादी हमले की निंदा की, जिन पर आतंकवादियों ने पुलवामा में गोलीबारी की थी और बाद में उनकी मौत हो गई थी। राजभवन के प्रवक्ता ने कहा,“उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पुलवामा में संजय कुमार शर्मा पर हुए कायराना आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है।”सिन्हा ने एक संदेश में कहा,“प्रशासन शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं।”
उन्होंने कहा,“आतंकवादियों से निपटने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा बलों को खुली छूट दी है और हम आतंकवाद के ऐसे कृत्यों का दृढ़ता तथा निर्णायक रूप से मुकाबला करना जारी रखेंगे।” गौरतलब है कि आतंकवादियों ने अल्पसंख्यक वर्ग के एक नागरिक संजय शर्मा, पुत्र काशीनाथ शर्मा निवासी अचन पुलवामा पर स्थानीय बाजार जाते समय गोलीबारी की। गंभीर रूप से घायल संजय काे अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने चोटों के कारण दम तोड़ दिया। उनके गांव में सशस्त्र गार्ड भी था।

MANOJ SINHA: सिन्हा ने की कश्मीरी पंडित पर आतंकी हमले की निंदा

पिछले साल अक्टूबर में, कश्मीरी पंडित किसान पूरन कृष्ण भट को शोपियां के चौधरी गुंड गांव में उनके घर के बाहर संदिग्ध आतंकवादियों ने गोली मार दी थी, जिसके बाद कई कश्मीरी हिंदू परिवार और प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के कर्मचारी जम्मू चले गए और उनके स्थानांतरण की मांग की। गैर-प्रवासी कश्मीरी पंडितों के एक समूह कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति (केपीएसएस) ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी सरकार स्थिति को संभाल नहीं पा रही है। उन्होंने कहा,“सरकार और भाजपा नीत केंद्र सरकार 75 लाख कश्मीरी आबादी को संभाल नहीं सकते हैं और पाकिस्तान के कब्जू वाले कयमीर और बलूचिस्तान को नियंत्रित करना चाहते हैं।
कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में कुत्तों की तरह मार दिया जाता है और केंद्रीय गृह मंत्री और उपराज्यपाल के ऑफिस सेंसर इस जानकारी को देखते हैं कि कश्मीर पंडित के लिए इस दुनिया में सबसे खतरनाक जगह है।” इसके अलावा कश्मीरी पंडित की हत्या से नया बवाल शुरु हाे सकता है।वैसे भी विभिन्न रानीतिक दलों तथा क्षेत्रीय दलों ने भी हत्या की व्यापक निंदा की है तथा हमलावरों की जलद से जल्द गिरफ़तारी की मांग की है। पिछले साल भी कुछ कश्मीरी पंडित आतंकवादियों के शिकार बने थे।