पंजाब के जगनेर और पिनाहट जैसे गांवों में तेंदुओं के हमलों से किसानों का सामना हो रहा है, जो रात-रात भर किसानों के पशुओं को हमला कर रहे हैं। किसान डर के साए में रात और दिन पहरेदारी कर रहे हैं ताकि वे अपने मवेशियों को तेंदुओं के हमलों से बचा सकें। यह सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि तेंदुओं के हमले न केवल किसानों के लिए बल्कि उनके पशुओं के लिए भी जीवन की संरक्षा का सवाल है। वन विभाग के कर्मचारी तेंदुओं का रुट ट्रैक करने में लगे हुए हैं, और जीपीएस की मदद से तेंदुओं का रूट ट्रैक किया जा रहा है। वन विभाग के कर्मचारी भी लोगों को जागरूक करने के साथ दिन-रात क्षेत्र में गस्त कर रहे हैं.
तेंदुओं के हमलों से गांववालों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग के कर्मचारी और स्थानीय ग्रामीण साथ मिलकर कदम उठा रहे हैं। तेंदुओं को पकड़ने तक वन विभाग के कर्मचारी ने गांववालों से अपील की है कि वे अपने मवेशियों और बच्चों को अकेला न छोड़ें और खासकर रात के समय में अपने मवेशियों का ध्यान रखें। इसके अलावा, रात में बाहर न निकलने की हिदायत भी दी गई है। वन विभाग के कर्मचारी तेंदुओं का रुट ट्रैक कर रहे हैं और जीपीएस की मदद से तेंदुओं का रूट ट्रैक किया जा रहा है। यह कदम तेंदुओं को पकड़ने के लिए जल्द ही सहायक हो सकता है। तेंदुओं के हमलों से बचाव के लिए सुरक्षा के उपायों को मजबूत किया जाना चाहिए, ताकि किसानों और पशुओं को सुरक्षित रखा जा सके।
तेंदुए ने किया हमला
तेंदुओं के हमलों का बढ़ता खतरा ग्रामीणों के लिए बड़ी चिंता का कारण बन गया है। पिछले हफ्ते, तेंदुआ ने रविवार को मवेशियों पर हमला किया, और अब सोमवार की शाम को भी एक गाय को शिकार कर दिया। महिने से तेंदुओं के हमलों के बाद, वन विभाग के कर्मचारी अब ड्रोन का उपयोग करते हैं ताकि तेंदुआ का पता लगा सकें। तेंदुओं के हमलों के खिलाफ सतर्क रहने के लिए ग्रामीणों को समय-समय पर चेतावनी दी गई है, खासकर रात के समय में।
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