राजकीय सम्मान के साथ हुआ शहीद का अंतिम संस्कार

झूंझुनू
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झुंझुनू, 20 फरवरी (वार्ता): कारगिल में तैनात ड्यूटि के दौरान अस्वस्थ होने के बाद शहीद हुये सेना के सुबेदार देवकरण सिंह का अंतिम संस्कार आज उनके पेतृक निवास राजस्थान में झूंझुनू जिले के मलसीसर उपखंड के कालियासर ग्राम पंचाय के ढाण बुरकडान में पुर्ण राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया।

इससे पहले ना केवल ग्रामीणों ने बल्कि पास पड़ौस के युवाओं ने शहीद देवकरण सिंह के अंतिम दर्शन करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए और मलसीसर से लेकर उनके गांव तक करीब नौ किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली। इस तिरंगा यात्रा में शहीद वीरांगना अंजू भी साथ रही। जिन्होंने भी अपने शहीद पति के अमर रहे के नारे लगाए।

जानकारी के मुताबिक कारगिल में तैनात देवकरण सिंह को 13 फरवरी को सांस लेने की तकलीफ हुई थी। वे कारगिल की ऊंची पहाड़ी पर आपरेशन रक्षक के तहत ड्यूटी कर रहे थे। सांस लेने की तकलीफ होने पर उन्हें एयर लिफ्ट के जरिए मिलट्री अस्पताल कारगिल लाया गया। जहां पर उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें हायर सेंटर मिलट्री अस्पताल उधमपुर भेजा गया। लेकिन वहां पर रविवार सुबह उनकी शहादत हो गई। आज उनकी पार्थिव देह मलसीसर थाने पहुंची। जहां पर अपने शहीद पति की पार्थिव देह को लेने के लिए ग्रामीण और सैंकड़ों युवाओं के साथ वीरांगना अंजू भी पहुंच गई।

शहीद वीरांगना अंजू मलसीसर से लेकर गांव ढाणी बुरडकान तक युवाओं के साथ भारत माता की जय और शहीद देवकरण सिंह अमर रहे के नारे लगाए। वीरांगना पार्थिव देह के साथ सेना के ट्रक में बैठी रही। इसके बाद गांव पहुंचने पर घर में परिवार के सदस्यों ने अंतिम दर्शन किए। वहीं ग्रामीणों ने भी अपने लाडले को अंतिम विदाई दी। शहीद देवकरण सिंह के दोनों बेटों निखिल और कुनाल ने मुखाग्नि दी।

इस मौके पर सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़, जिला कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी, एसपी मृदुल कच्छावा, मंडावा विधायक रीटा चौधरी समेत अन्य अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वहीं पुलिस और सेना से आई टुकड़ी ने इससे पहले गॉर्ड ऑफ आनर दिया।