रवि श्रीवास्तव
हिंदू धर्म में अमावस्या का खास महत्व है, खासकर मौनी अमावस हो तो इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। साल 2021 की मौनी अमावस्या फरवरी महीने की 11 तारीख को मनाई जाएगी। पौराणिक शास्त्रों के मुताबिक माघ महीने की अमावस्था तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने की मान्यता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने वालों को जीवन भर के पापों से मुक्ति मिलती है।
साल में होती है 12 अमावस्या
पूरे साल में कुल 12 अमावस्या होती है। इसमें से मौनी अमावस्या का अपना खास महत्व है। ऐसी मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन संगम तट पर और गंगा में देवताओं का वास रहता है, जिससे गंगा में स्नान करने से मनचाहा फल मिलता है और इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने वालों के सभी पाप धुल जाते हैं।
मौनी अमावस्या का महत्व औऱ शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या के शुभ मुहूर्त की बात करें तो माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 10 फरवरी की आधी रात 1 बजकर 8 मिनट पर शुरू हो जाएगी और अगले दिन 11 फरवरी की रात 12 बजकर 35 मिनट तक चलेगी। मौनी अमावस्या 11 फरवरी 2021 को मनाई जाएगी औऱ इस बार मौनी अमावस्या का महत्व इसलिए भी ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि 11 फरवरी को भगवान विष्णु का ही दिन गुरुवार है और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का खास महत्व है।
मौनी अमावस्या की काफी मान्यता है इस दिन गंगा नदी में स्नान करना होता है, अगर आप गंगा नदी में स्नान करने नहीं जा पाते हैं तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा गंगा जल मिलाएं और उससे स्नान कर लें। उसके बाद पूजा करने के बाद पूरे दिन मौन रहकर व्रत करें। व्रत के दौरान जरूरतमंद लोगों को तिल, अनाज, कंबल, आंवला आदि का दान करें, इसके अलावा किसी भूखे व्यक्ति को भोजन करवाएं। इस दिन पिंडदान का भी काफी महत्व है।
मौनी अमावस्या की पूजा विधि
मौनी अमावस्या के दिन नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए, स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए इस दिन मौन व्रत रखकर गरीब व भूखे लोगों को भोजन करवाना चाहिए। इसके अलावा अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भी भोजन का दान करना शुभ माना जाता है। अगर आप अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान करते हैं तो सात पुश्तों तक आपको धन की कमी नहीं होगी। मौनी अमावस्या के दिन नहा धोकर पूजा पाठ के बाद अपने पूर्वजों को भी याद करें।