जयपुर नगर निगम के हेरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर को राजस्थान स्वायत्त शासन विभाग द्वारा निलंबित कर दिया गया है, और उन्होंने मेयर और पार्षद पदों से भी सस्पेंड कर दिया गया है। इसका मुख्य कारण लगभग दो लाख रुपये की रिश्वत की गई आवश्यकता में आया है, जो पट्टों की एवज में शामिल थी। इस आदेश को राज्य सरकार के निदेशक और विशिष्ट सचिव ह्यदेश कुमार शर्मा ने जारी किया है।
पद का दुरुपयोग और रिश्वत लेने का मामला
हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा कार्रवाही की गई है, जिसमें उन्हें एक पट्टे की फाइल में पट्टा जारी करने और रिश्वत राशि की मांग करने का आरोप लगाया गया है। इस आरोप के साथ ही, आरोपी सुशील गुर्जर और उसके दो दलालों को भी 02 लाख रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए पकड़ा गया है।
दो पदों से निलंबित
महापौर नगर निगम जयपुर हैरिटेज के निवास (मेयर हाउस) से 40 लाख रुपये से अधिक संदिग्ध नगदी बरामद होने के मामले में गंभीरता की ओर ध्यान आकर्षित हो रही है। इस मामले के संदर्भ में, राज्य सरकार ने राज पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (2) के तहत स्वतः संज्ञान लेते हुये प्रकरण की गंभीर जांच करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, जांच रिपोर्ट विभाग को प्रेषित करने हेतु उपनिदेशक (क्षेत्रीय) स्थानीय विभाग जयपुर को निर्देशित किया गया है।
उपनिदेशक (क्षेत्रीय) स्थानीय निकाय विभाग जयपुर ने जांच रिपोर्ट के आधार पर महापौर के आधिकारिक निवास स्थान (मेयर हाउस) पर पट्टे की पत्रालियों को पाया है, जो कि लम्बे समय से अप्रयास्क हो रही थीं, और इन पत्रालियों से 40 लाख से अधिक संदिग्ध नगद राशि भी प्राप्त की गई है।
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