केंद्र सरकार ने खुफिया तंत्र की लापरवाही की जिम्मेदारी तक नहीं स्वीकारी : मीत हेयर
चंडीगढ़/नई दिल्ली, 30 जुलाई
संगरूर से आम आदमी पार्टी के लोकसभा सदस्य गुरमीत सिंह मीत हेयर ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस के दौरान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जारी युद्ध के हालात में असफल साबित हुई भारत की विदेश नीति का गंभीर मुद्दा उठाया।
मीत हेयर ने सबसे पहले सेना के जवानों को नमन करते हुए उनकी बहादुरी को याद किया और कहा कि पाकिस्तान के साथ जारी युद्ध के दौरान “विश्व गुरु” कहलाने वाले देश की मदद को कोई भी देश सामने नहीं आया। चीन और तुर्की जैसे देश खुलेआम पाकिस्तान की मदद कर रहे थे, वहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी उसी समय पाकिस्तान को वित्तीय सहायता मंजूर कर दी। भारत की ओर से विदेशों में गए संसदीय प्रतिनिधिमंडल को गिने-चुने देशों को छोड़कर कहीं भी किसी कैबिनेट मंत्री से भेंट तक नहीं हो सकी।
मीत हेयर ने केंद्र सरकार की गैर-जिम्मेदाराना रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि कभी एक मामूली रेल हादसे पर भी रेल मंत्री नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देता था, लेकिन भारतीय खुफिया तंत्र की लापरवाही से हुए इतने बड़े आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, फिर भी सरकार में किसी ने न इस्तीफा दिया, न ही किसी ने इसकी जिम्मेदारी स्वीकार की।
लोकसभा सदस्य ने कहा कि रक्षा मंत्री और गृह मंत्री की लंबी-लंबी तकरीरों में देश के आम लोगों द्वारा उठाए गए सवालों का कोई उत्तर तक नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि बाकी देशों ने तो सोशल मीडिया और टीवी पर युद्ध जैसे हालात देखे, लेकिन सीमा राज्य पंजाब के लोगों ने हर दिन ड्रोन हमलों, सायरनों और ब्लैकआउट के साये में गुजारा था।