-अक्षत सरोत्री
किसान संगठनों ने यह तो ऐलान कर दिया कि वो अब 6 तारीख को चक्का जाम नहीं करेंगे लेकिन एक नया आह्वान राकेश टिकैत ने जरूर कर दिया है। राकेश टिकैत के इस आह्वान का मतलब साफ़ है कि सभी इकट्ठा होकर फिर दिल्ली बॉर्डर आ जाएँ और किसान आंदोलन को मजबूत बनाएं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता के राकेश टिकैत ने शुक्रवार शाम को यह साफ कर दिया कि (UP and Uttarakhand) उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किया जाएगा।
ग्रेटा थनबर्ग के “टूल” ने पकड़ा तूल, पुलिस बता रही है विदेशी कनेक्शन
दोनों राज्यों में केवल ज्ञापन दिए जाएँगे
इन दोनों राज्यों में जिला मुख्यालय पर किसान कृषि कानूनों के विरोध में केवल ज्ञापन दिए जाएंगे। इन दोनों राज्यों में चक्का जाम टालने के बारे में टिकैत ने बताया कि इन दोनों जगहों को लोगों को स्टैंडबाय में रखा गया है और उन्हें कभी भी दिल्ली बुलाया जा सकता है, इसलिए (UP and Uttarakhand) यूपी-उत्तराखंड के लोग अपने ट्रैक्टरों में तेल-पानी डालकर तैयार रहें। उन्होंने कहा कि अन्य सभी जगहों पर तय योजना के अनुसार शांतिपूर्ण ढंग से काम होगा।
दिल्ली में तो पहले से ही चक्का जाम है-टिकैत
दिल्ली के बारे में पूछे जाने पर (UP and Uttarakhand) टिकैत ने कहा कि दिल्ली में तो पहले से चक्का जाम है, इसलिए दिल्ली को इस जाम में शामिल नहीं किया गया है। हिंसा के डर से इन जगहों पर चक्का जाम टालने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि हमारे कार्यक्रमों में कहीं हिंसा नहीं होती, कई जगहों पर हुई महापंचायतें इसका प्रमाण हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम सरकार से बात करना चाहते हैं, सरकार कहां पर है, वो हमें नहीं मिल रही।
टिकैत बोले आंदोलन में हिंसा का कोई काम नहीं
राकेश टिकैत ने बताया, गाजीपुर बॉर्डर (UP and Uttarakhand) पर किसानों को रोकने के लिए सरकार ने जहां कीलें लगवाई थीं, इसके जवाब में अब हम वहां फूल उगाएंगे। इसके लिए आज दो डंपर मिट्टी मंगाई गई है। उन्होंने कहा कि वह सभी किसानों से अपील करेंगे कि आंदोलन में हिस्सा लेने आ रहे लोग अपने खेतों में से मिट्टी साथ लेकर आएं और वापस जाते समय यहां से मिट्टी वापस लेकर जाएं और उसे अपने खेतों में मिला दें।