महू प्रकरण को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा में हंगामे के बाद किया बहिर्गमन

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Mhow episode, भोपाल, 16 मार्च (वार्ता) : मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के महू क्षेत्र में एक आदिवासी युवती की मृत्यु और उसके बाद हुए उपद्रव को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस ने आज विधानसभा में सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया और विपक्ष के सदस्य हंगामा और नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गए। इसके पहले गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने घटना को लेकर दो बार सदन में वक्तव्य दिया। शून्यकाल के दौरान और ध्यानाकर्षण के बाद दिए अपने वक्तव्य में डॉ मिश्रा ने बताया कि प्रथम दृष्टया युवती की मौत करंट लगने से हुई है। उन्होंने बताया कि युवती के पिता पांचीलाल डाबर ने अपनी बच्ची (22) की संदिग्ध मृत्यु के बारे में कल पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने शव डोंगरगांव चौकी के सामने सड़क पर रख दिया। प्रदर्शनकारी आरोपी को उन्हें सौंपने और उस पर बुलडोजर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। पुलिस ने युवती के पिता की फरियाद पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

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डॉ मिश्रा ने कहा कि फरियादी पिता ने आरोप लगाया कि उनकी पुत्री धार जिले के धामनोद में रह कर पढ़ाई करती थी। वहीं से उसका अपहरण कर लिया गया, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। युवती की मौत आरोपी के घर पर ही हुई। गृह मंत्री के अनुसार देर रात लगभग 500 से ज्यादा लोग थाने के पास पहुंच गए, थाना घेर लिया और पुलिस अधिकारियों से बदसलूकी की। उग्र भीड़ ने थाने पर पथराव किया, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने अश्रु गैस का इस्तेमाल किया, लेकिन वो निष्प्रभावी रहा। पथराव में थाना प्रभारी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इंदौर रेफर किया गया है। इसके अलावा 13 अन्य पुलिसकर्मी भी पथराव का शिकार बन कर घायल हो गए। उन्होंने कहा कि ऐसे में पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की, जिसमें दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से एक युवक भैरू की बाद में मौत हो गई। गोलीबारी में मृत युवक को चार लाख रुपए और घायल युवक के परिजन को शासन की ओर से दो लाख रुपए देने की घोषणा की गई है। उन्होंने बताया कि युवती की विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी नहीं आई है, लेकिन प्रथमदृष्टया उसकी मौत करंट लगने से हुई है। इसके पहले उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा था कि युवती उस युवक के साथ उसके घर पर ही रहती थी। वह घर पर रॉड से पानी गर्म कर रही थी, इसी दौरान उसे करंट लगा और उसकी मौत हो गई। उन्होंने ये भी बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरी घटना के मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस के सदस्य गृह मंत्री के दोनों वक्तव्यों से संतुष्ट नहीं हुए। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज का इस्तेमाल न करते हुए गोलीबारी क्यों की। कांग्रेस विधायक विजय लक्ष्मी साधौ और सज्जन सिंह वर्मा ने दोनों मृतकों के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी देने की मांग की। कांग्रेस के विधायक इस प्रकार के मामलों में जांच समितियों की कार्य अवधि की समयसीमा बढ़ाए जाने के मुद्दे को लेकर भी सरकार पर हमला बोलते दिखे। इसी बीच कांग्रेस के कई आदिवासी विधायक हंगामा करते हुए आसंदी के पास आ गए। विपक्षी दल के विधायक सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करने लगे और नेता प्रतिपक्ष डॉ सिंह की अगुवाई में सदन से बहिर्गमन कर गए। संपादक कृपया शेष पूर्व प्रेषित समाचार से जोड़ लें।

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