Kiren Rijiju: कानून मंत्री किरेन रिजिजू को बदलकर अर्जुन राम मेघवाल को बना दिया गया है. अर्जुन राम मेघवाल अब कानून मंत्री का पद संभालेंगे. वहीं दूसरी तरफ रिजिजू को अर्थ साइंस मंत्रालय सौपा गया है. किरण रिजिजू बीते कुछ समय से ही चर्चा में रहे उन्होंने न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम व्यवस्था सवाल खड़े किए थे. जिसकी वजह से न्यायपालिका बनाम सरकार जैसी स्थिति बनी और असहज स्थिति का भी सामना करना पड़ा था.
विवादित मसलों से घिरे थे रिजिजू
किरेन रिजिजू ने न्यायपालिका पर हमला बोला था. उन्होंने कहा कि ‘न्यायाधीशों को चुनाव लड़ने या सार्वजनिक जांच का सामना नहीं करना चाहिए. जानत आपको देख रही है, आपके फैसले और न्याय पर ध्यान दे रही है. लोग आपकी न्याय को देखकर अपनी राय भी बना सकते है. आगे उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतान्त्रिक देश है इसे फलने-फूलने के लिए एक मजबूत और स्वतंत्र न्यायपालिका का होना जरूरी है. बीते फरवरी महीने में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में रिजिजू ने सरकार बनाम न्यायपालिका की बात से इंकार कर दिया था. और कहा कि देश में न्यायपालिका बनाम सरकार जैसा कुछ भी नहीं है. जनता ही सरकार का चुनाव करतीं है…वे सर्वोच्च हैं और देश संविधान के अनुसार चलता है.
रिटायर्ड अफसरों ने भी रिजिजू पर नाराजगी जताई
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की व्यवस्था पर भी आलोचना की. वकीलों ने भी रिजिजू के बयानों का विरोध किया था और कहा कि उन्होंने संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन किया है. किरेन रिजिजू के भड़कीला बयानों के कारण बीते कुछ महीने पहले ही 90 रिटायर्ड अफसरों ने इस पर अपनी नाराजगी जताते हुए कानून मंत्री को एक पत्र लिखा था. जिसमें लिखा था कि कानून मंत्री ने कई मौकों पर जजों की नियुक्ति के कॉलेजियम सिस्टम और न्यायिक स्वतंत्रता पर तीखे सवाल उठाए जो सुप्रीम कोर्ट पर हमला लगते है. इस पत्र में किरेन रिजिजू बयानों की निंदा की और कहा कि न्यायिक स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं हो सकता.
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