पंजाब के ग्रामीण विकास में नया अध्याय लिखेंगे आधुनिक पंचायत घर और आम सेवा केंद्र: सौंद

पंजाब के ग्रामीण विकास में नया अध्याय लिखेंगे आधुनिक पंचायत घर और आम सेवा केंद्र: सौंद
पंजाब के ग्रामीण विकास में नया अध्याय लिखेंगे आधुनिक पंचायत घर और आम सेवा केंद्र: सौंद
  • 125 करोड़ रुपये की लागत से बनेंगे 500 आधुनिक पंचायत घर और सेवा केंद्र
  • गाँवों के सेवा केंद्र डिजिटल क्रांति का आधार बनेंगे: पंचायत मंत्री

चंडीगढ़, 25 अगस्त:

पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने कहा है कि आधुनिक पंचायत घर और आम सेवा केंद्र गाँवों के विकास में नया अध्याय लिखेंगे। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में पहले चरण के अंतर्गत 500 आधुनिक पंचायत घर और सेवा केंद्र बनाए जा रहे हैं, जिन पर 125 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंचायत घर और कॉमन सर्विस सेंटर (आम सेवा केंद्र) बनाने की परियोजना की शुरुआत फतेहगढ़ साहिब की पवित्र धरती से की है।

तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि 2800 से अधिक आबादी वाले प्रत्येक गाँव में एक पंचायत घर और एक कॉमन सर्विस सेंटर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक पंचायत घर बनाने की लागत 20 लाख रुपये और एक कॉमन सर्विस सेंटर की लागत 5 लाख रुपये होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस परियोजना के अंतर्गत उन्हीं गाँवों का चयन किया गया है, जहाँ अब तक पंचायत घर की व्यवस्था नहीं थी। उन्होंने दुख व्यक्त किया कि भले ही पंचायतें लोकतंत्र की सबसे मज़बूत नींव हैं, लेकिन कई पंचायतों के पास बैठने के लिए उपयुक्त स्थान तक नहीं था, पर सेवा केंद्र और पंचायत घर इस कमी को दूर करेंगे।

इस परियोजना के अंतर्गत गाँववासियों को कई सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि पंचायत घर केवल एक दफ़्तर नहीं होगा बल्कि गाँवों के विकास हेतु विचार-विमर्श और निर्णय लेने का महत्त्वपूर्ण केंद्र होगा। तरुनप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर गाँवों में डिजिटल क्रांति का आधार बनेंगे, जो ग्रामीणों को ऑनलाइन सेवाएँ लेने में मदद करेंगे।

पंचायत मंत्री ने बताया कि आज के डिजिटल युग में सरकारी योजनाओं के लिए नाम दर्ज करवाना, शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश लेना, आधार कार्ड या पासपोर्ट बनवाना तथा अन्य अनेक सेवाएँ ऑनलाइन प्राप्त होती हैं, जिसके कारण कॉमन सर्विस सेंटर लोगों की सुविधा के लिए बड़ी भूमिका निभाएँगे। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि यह परियोजना पंचायतों को एक स्थान पर मिलकर निर्णय लेने का उपयुक्त मंच सिद्ध होगी।