राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यमंत्री मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि जब तक समाज में भेदभाव है, तब तक आरक्षण की आवश्यकता है। वह यह कहते हैं कि भारतीय समाज में भेदभाव अदृश्य होते हुए भी मौजूद है।
भागवत ने कहा, “हमने अपने ही साथी मानवों को सामाजिक व्यवस्था में पीछे छोड़ा है। हमने उनकी परवाह नहीं की है और यह 2000 वर्षों तक जारी रहा है। जब तक हम उन्हें समानता नहीं प्रदान करते, तब तक कुछ विशेष कदम उठाने होंगे और आरक्षण उनमें से एक है।”
उन्होंने आरक्षण को सिर्फ वित्तीय या राजनीतिक समानता से ज्यादा समाज में समानता प्रदान करने के लिए नहीं माना, बल्कि इसे समाज में भेदभाव के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर विवाद है और मराठा समुदाय के नेता अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें चंद्र कुमार बोस ने बीजेपी से दिया इस्तीफा, कहा – “सभी समुदायों को एक कीजिए”