संसद का मानसून सत्र जुलाई 2023 में शुरू होने वाला है और इसकी संभावित हंगामेदारता की बात की जा रही है। इस सत्र में सरकारी पक्ष विधेयकों को पारित कराने के प्रयास करेगा, जबकि विपक्ष मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, महंगाई और अडाणी मामले पर जेपीसी गठित करने की मांग करेगा। सरकार की भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने पहले ही सत्र से पहले 19 जुलाई को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं के बीच आम सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी।
सूची में 21 नए विधेयकों को सूचीबद्ध किया
मानसून सत्र या 17वीं लोकसभा के 12वें सत्र के दौरान संभावित सरकारी कार्यों की सूची में 21 नए विधेयकों को पेश और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इसमें “दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023” भी शामिल है, जिसे पेश करने के लिए तैयारी की जा रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, सत्र में महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश किया जाएगा और सभी दलों को सत्र के संचालन में सहयोग करने की अपील की गई है।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना
मानसून सत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। इसमें मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, संघीय ढांचे पर कथित आक्रमण, महंगाई, अडाणी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग शामिल हैं। विपक्ष के नेता के. सुरेश ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने हाल ही में संसदीय रणनीति समूह की बैठक की है और उन्होंने बताया कि वे मणिपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, संघीय ढांचे पर कथित आक्रमण, जीएसटी को पीएमएलए के दायरे में लाने और महंगाई पर चर्चा कराने की मांग करेंगे।
मानसून सत्र 23 दिनों तक चलेगा, और यह 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान संसद के दोनों सदनों में कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं।
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