MURDER CASE,06 मार्च (वार्ता)- राजूपाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल एक और शूटर को प्रयागराज पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स ने सोमवार को कौंधियारा थाना क्षेत्र में एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद मार गिराया। अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को बताया कि एक सूचना के आधार पर कौधियारा,खीरी और शंकरगढ़ थाने के पुलिस ने विजय चौधरी उर्फ उस्मान की घेराबंदी की और उससे आत्मसमर्पण के लिये कहा मगर उसने पुलिस पर फायर करते हुये भागने का प्रयास किया। जवाबी कार्रवाई में उस्मान गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उपचार के दौरान शूटर की मृत्यु हो गयी।
उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस के दो सिपाही भी हुए थे शहीद
उन्होंने बताया कि मृतक शूटर को 24 फरवरी को उमेश पाल पर गोली चलाते देखा गया था। उस पर पुलिस ने 50 हजार रूपये का इनाम घोषित किया था। बदमाश की गोली से नरेन्द्र नामक सिपाही घायल हुआ है जिसका इलाज किया जा रहा है। कुमार ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि पुलिस ने पहले भी कहा है कि उपरोक्त हत्याकांड में शामिल सभी अपराधियों को कानून के दायरे में लाया जायेगा और उनके किये की सजा दी जायेगी। हत्याकांड में शामिल अपराधियों को पनाह देने वाले और किसी प्रकार की मदद करने वाले भी बख्शे नहीं जायेंगे। उन्होंने कहा कि उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस के दो सिपाही भी शहीद हुये थे जिनके परिजनों को अनुमन्य राशि मुहैया करा दी गयी है। इस मामले का मुकदमा धूमनगंज में दर्ज किया गया था।
MURDER CASE: उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटर ढेर
इस मामले में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ,पत्नी साहिस्ता परवीन,गुड्डू मुस्लिम,गुलाम,अतीक के पुत्रों के अलावा उसके सहयोगियों के खिलाफ धारा 147,148,149,302, 307,506,34,120बी और सात सीएल एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इस क्रम में पुलिस की विशेष टीम के अलावा एसटीएफ भी लगायी गयी थी। कुमार ने बताया कि इस जघन्य वारदात में शामिल कार चालक अरबाज को पुलिस 27 फरवरी एक मुठभेड़ में ढेर कर चुकी है जबकि एक अन्य साजिशकर्ता सदाकत को जेल भेजा जा चुका है। इस मामले में फरार अरमान,असद, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम और साबिर के खिलाफ ढाई ढाई लाख रूपये का इनाम घोषित किया गया है।
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) के विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की 24 फरवरी को दिन दहाड़े उनके घर के सामने गोली और बम मार कर हत्या कर दी गयी थी। इस हमले में सरकारी गनर संदीप निषाद की मौत SRN अस्पताल में उसी दिन हो गयी थी जबकि राघवेंद्र को उपचार के लिए लखनऊ SGPGI रेफर किया गया था जहां उनकी मौत हो गयी थी।