राष्ट्रीय लोक अदालत ने 1.67 करोड़ से अधिक मामले को निपटाया है। इनमें 32.27 लाख मामले लंबित थे, जिनमें न्यायिक प्रक्रिया का इंतजार किया जा रहा था, और 1.35 करोड़ मामले प्री-लिटिगेशन वाले थे, जिनमें मामले की प्रारंभिक जांच और तैयारी की जा रही थी।
राष्ट्रीय लोक अदालत दिल्ली और मणिपुर के अलावा, देश के सभी राज्यों में इस आयोजन को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया के तहत, न्यायिक प्राधिकरण और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संदय कौल के नेतृत्व में कानूनी प्राधिकरणों ने देशभर के विभिन्न मामलों का निपटारा किया। यह आयोजन मामलों को सुनवाई और निपटारा करने का महत्वपूर्ण मौका प्रदान करता है और कानूनी प्रक्रिया को अद्वितीय तरीके से संचालित करने में मदद करता है।
इस आयोजन के परिणामस्वरूप, न केवल अदालतों में लंबित मामलों का बोझ कम हुआ है, बल्कि भविष्य की मुकदमेबाजी और न्यायिक प्रक्रिया की निगरानी भी सुनिश्चित की गई है। यह सरकार और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो कानूनी न्याय प्रणाली को सुधारने के लिए किया गया है।
इस आयोजन में विभिन्न प्रकार के मामले, जैसे कि समझौते, राजस्व-बैंक वसूली मामले, मोटर दुर्घटना दावे, वैवाहिक विवाद, चेक बाउंस, और श्रम विवाद शामिल थे। इसके अलावा, यह जानकारी महत्वपूर्ण है कि वैवाहिक विवाद में तालाक का मामला शामिल नहीं था.
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