हेलसिंकी, 01 मार्च (वार्ता) फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन ने यहां कहा कि फिनलैंड और स्वीडन को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की सदस्यता की दावेदारी के अनुमोदन में देरी से गठबंधन की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंच सकता है। यहां दौर पर पहुंचे नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सुश्री मारिन ने मंगलवार को कहा, “हम (फिनलैंड और स्वीडन) पहले से ही नाटो के सदस्य बनने की उम्मीद कर चुके है।” उन्होंने कहा “फिनलैंड और स्वीडन सभी मानदंडों को पूरा करते हैं जैसा कि उल्लेख किया गया है, और हम अभी तक इंतजार कर रहे हैं। निश्चित रूप से, यह नाटो की खुले दरवाजे की नीति पर दबाव डालता है; यह नाटो की विश्वसनीयता पर असर डालता है,।” फ़िनलैंड और स्वीडन ने संयुक्त रूप से पिछले साल मई में नाटो सदस्यता के लिए अपनी आवेदन प्रस्तुत किया था।अब तक नाटो के 30 मौजूदा सदस्यों में से 28 ने आवेदनों की पुष्टि की है। तुर्की और हंगरी ने अभी तक औपचारिक रूप से दोनों देशों के विलय का समर्थन नहीं किया है।