स्वीडन और तुर्की में बिगड़ते आपसी रिश्तों के बीच स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने उम्मीद जतायी है कि नाटो की सदस्यता को लेकर तुर्की के साथ बातचीत फिर से शुरू हो जायेगी। स्वीडन की दक्षिणपंथी पार्टी स्ट्रैम कुर्स के नेता रासमस पलुदन द्वारा हाल ही में कुरान जलाये जाने के कारण स्वीडन और तुर्की के बीच संबंध बिगड़ गए। उन्होंने यह भड़काऊ कार्रवाई करने के लिए स्वीडन के अधिकारियों से अनुमति ली थी। उसके बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि स्वीडन को नाटो में शामिल होने के आवेदन के लिए तुर्की के समर्थन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। श्री क्रिस्टरसन ने संवाददाताओं से कहा, “मैं फिर से संवाद पर लौटना चाहता हूं।
मैं इस प्रक्रिया में शांति बहाल करने का आह्वान करना चाहता हूं। स्वीडन, फिनलैंड और तुर्की ने एक त्रिपक्षीय समझौता किया। सब कुछ ठीक चल रहा है। लेकिन यह स्पष्ट है कि हम सब कुछ समान तरीके से पसंद नहीं करते हैं।” उन्होंने कहा कि वह यह नहीं मान सकते कि नाटो में उनकी सदस्यता के मुद्दे पर तुर्की के राष्ट्रपति ‘दरवाजा बंद कर देंगे।’ इससे पहले श्री क्रिस्टरसन ने स्वीडन में तुर्की दूतावास के पास कुरान को जलाने की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस अपमानजनक कृत्य को स्वीकार नहीं किया जा सकता, लेकिन यह कानून का उल्लंघन नहीं है।