रामबन जिले के रहने वाले आफताब इक़बाल ने NEET-UG 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए जम्मू-कश्मीर टॉप किया है। उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 423 हासिल की और 622 अंक के साथ 99.9808085 परसेंटाइल स्कोर किया। खास बात यह है कि यह उनका पहला प्रयास था।
ज़ूलॉजी से शुरू हुआ डॉक्टर बनने का सपना
आफताब ने बताया कि उन्हें मेडिकल क्षेत्र की ओर आकर्षित करने वाला विषय जेनेटिक्स था। कक्षा 9वीं और 10वीं में जब उन्होंने ज़ूलॉजी पढ़नी शुरू की, तभी तय कर लिया था कि वह डॉक्टर बनेंगे। इसके बाद उन्होंने दो साल तक पूरे समर्पण के साथ NEET की तैयारी की।
आफताब का जीत का मंत्र
अपनी सफलता के पीछे आफताब एनसीईआरटी की गहराई से पढ़ाई, निरंतरता, और मॉक टेस्ट को बताते हैं। उन्होंने कहा, “कंसिस्टेंसी ही असली कुंजी है। मॉक टेस्ट से आत्मविश्वास बढ़ता है और NCERT की समझ मजबूत होती है।” उन्होंने अपने शिक्षकों का भी आभार जताया, जिन्होंने उन्हें पूरे सफर में मार्गदर्शन दिया।
रिजल्ट देख खुद रह गए हैरान
जब रिजल्ट आया, तो आफताब को खुद भी इतनी ऊंची रैंक की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा, “मुझे लगा था मेरे 618 अंक होंगे, लेकिन जब रैंक देखी तो सबसे पहले अल्लाह का शुक्र अदा किया। टॉप-500 में आना और जम्मू-कश्मीर टॉपर बनना एक सपने जैसा है।”
सरकारी स्कूल के छात्र
आफताब रंबन के गवर्नमेंट हाई स्कूल खड़ी के छात्र हैं। उनके पिता ने स्कूल और शिक्षकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि स्कूल का माहौल पढ़ाई के लिए बहुत अनुकूल था, जिससे बेटे को आगे बढ़ने में मदद मिली।
माता-पिता का साथ सबसे बड़ी ताकत
आफताब के पिता ने बताया, “बच्चों की सफलता में माता-पिता की भूमिका अहम होती है। हमने कभी बेटे पर दबाव नहीं बनाया, बल्कि हमेशा उसका साथ दिया।” आफताब ने भी माना कि डॉक्टर बनने का सपना उन्होंने और उनके माता-पिता ने साथ देखा था।
प्रेरणा देने वाली कहानी
सरकारी स्कूल से निकलकर, पहले ही प्रयास में NEET टॉप करना आफताब की मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास का नतीजा है। उनकी सफलता उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।